31 गैर शिक्षण कार्यों का बोझ उठा रहे शिक्षक, जिम्मा कम करने की कवायद शुरू
हिमाचल में पढ़ाने के अलावा 31 गैर शिक्षण कार्यों का बोझ उठा रहे शिक्षक, जिम्मा कम करने की कवायद शुरू

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों पर पढ़ाई के अलावा लगभग 31 तरह के गैर-शिक्षण कार्यों का भी बोझ है। कई वर्षों से शिक्षक संगठन परीक्षा परिणामों में गिरावट के लिए इन्हीं अतिरिक्त जिम्मेदारियों को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। अब शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के निर्देशों के बाद विभाग इन अनावश्यक कार्यों को कम करने की प्रक्रिया में जुट गया है।
शिक्षा मंत्री ने 11 नवंबर को सचिवालय में हुई बैठक में कहा था कि शिक्षकों को पढ़ाई से असंबंधित कामों से मुक्त कर उन्हें कक्षा-शिक्षण पर पूरा ध्यान देने का अवसर देना जरूरी है। इसी क्रम में स्कूल शिक्षा निदेशक ने सभी जिला अधिकारियों से दस दिनों के भीतर सुझाव मांगे हैं। जिला अधिकारियों से पूछा गया है कि कौन से कार्य तत्काल हटाए जा सकते हैं और उनकी वैकल्पिक व्यवस्था क्या हो सकती है।
छात्रवृत्ति, एनएसएस, ईको क्लब, एनसीसी, मिड-डे-मील, वर्दी और किताबों का वितरण, स्काउट एंड गाइड, आपदा प्रबंधन, पुस्तकालय रखरखाव, युवा संसद, स्वच्छता अभियान, सरकारी सर्वे, मतदाता सूची अद्यतन, जनगणना, जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण, रिकॉर्ड रखरखाव, विभिन्न प्रोजेक्ट की फीडिंग, स्कूल-स्तरीय कार्यक्रमों के आयोजन का जिम्मा भी शिक्षकों पर रहता है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि इन कार्यों में लगने वाला समय कक्षा में उनकी उपलब्धता को प्रभावित करता है, जिससे परीक्षा परिणाम प्रभावित होते हैं।
सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर कहा है कि ऐसे कार्यों की सूची भेजी जाए जिन्हें तुरंत हटाया जा सकता है। साथ ही सुझाव देने को कहा है कि इन कार्यों को तकनीक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, अन्य विभागों या विशेष स्टाफ की मदद से कैसे पूरा किया जा सकता है।- आशीष कोहली, निदेशक, उच्च शिक्षा

