Sep 19, 2024
CRIME/ACCIDENT

बंदरों का बदला व्यवहार, अब रात को भी मचा रहे उत्पात, विशेषज्ञ भी हैरान

Shimla: शिमला के बंदरों का बदला व्यवहार, अब रात को भी मचा रहे उत्पात, विशेषज्ञ भी हैरान

न्यूज़ देशआदेश

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बंदरों के बदले इस व्यवहार से विशेषज्ञ भी हैरान हैं। रात को हर सड़क और रास्ते पर जगमगातीं एलईडी और हाई मास्ट लाइटें बदलाव की वजह मानी जा रही हैं।
अंधेरा होते ही दुबक जाने वाले बंदर अब देर रात को भी खूब उछलकूद और उत्पात मचा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बंदरों के बदले इस व्यवहार से विशेषज्ञ भी हैरान हैं। रात को हर सड़क और रास्ते पर जगमगातीं एलईडी और हाई मास्ट लाइटें बदलाव की वजह मानी जा रही हैं। यही नहीं, देर रात तक लोगों की आवाजाही और आसानी से खाने-पीने का सामान मिलने से भी बंदरों की आदतें बिगड़ रही हैं।
 वन विशेषज्ञों के अनुसार शिमला शहर और जंगल से सटे रिहायशी इलाकों में अब तकरीबन हर रास्ते और सड़क पर एलईडी और हाई मास्ट लाइटें लग रही हैं। इससे रात का अंधेरा गायब हो गया है। कई कॉलोनियों और भवनों में लोग खुद भी ज्यादा स्ट्रीट लाइटें लगवा रहे हैं।
अंधेरा होते ही दुबक जाने वाले बंदर अब देर रात को भी खूब उछलकूद और उत्पात मचा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बंदरों के बदले इस व्यवहार से विशेषज्ञ भी हैरान हैं। रात को हर सड़क और रास्ते पर जगमगातीं एलईडी और हाई मास्ट लाइटें बदलाव की वजह मानी जा रही हैं। यही नहीं, देर रात तक लोगों की आवाजाही और आसानी से खाने-पीने का सामान मिलने से भी बंदरों की आदतें बिगड़ रही हैं। 
वन विशेषज्ञों के अनुसार शिमला शहर और जंगल से सटे रिहायशी इलाकों में अब तकरीबन हर रास्ते और सड़क पर एलईडी और हाई मास्ट लाइटें लग रही हैं। इससे रात का अंधेरा गायब हो गया है। कई कॉलोनियों और भवनों में लोग खुद भी ज्यादा स्ट्रीट लाइटें लगवा रहे हैं।
शिमला के ज्यादातर बंदर रात के समय शहर की इन्हीं गलियों, भवनों की छतों और साथ लगते जंगल में डेरा जमाते हैं। ये लाइटों के आदी हो चुके हैं। इसीलिए ये भी देर रात तक जागते हैं और उत्पात मचाते हैं। 
दूसरा, शहर में लोगों की आवाजाही भी अब देर रात तक रहती है। इसका कारण शहर में होटलों की संख्या बढ़ने और सैलानियों की तादाद में इजाफा होना है। शिमला की आबादी भी बढ़ी है, जिससे अब आवाजाही पहले से ज्यादा रहती है। रात को भी खाने-पीने का सामान मिलने से बंदरों का रहन-सहन और आदतें बिगड़ने लगी हैं। 

जाखू क्षेत्र के बंदरों पर चल रहा है शोध
शिमला के जाखू क्षेत्र के बंदरों पर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च टीम साल 2016 से शोध कर रही है। वन विभाग के अनुसार यह शोधकार्य साल 2020 में पूरा होना था, लेकिन कोरोना के चलते दो साल लटक गया। अब अगले साल अप्रैल तक यह टीम अपनी रिपोर्ट देगी। रिसर्च टीम ने इस क्षेत्र में बंदरों के व्यवहार में बदलाव देखा है, जिसे वन अधिकारियों से साझा किया गया है।

एडिशनल पीसीसीएफ अनिल ठाकुर ने कहा कि शहर के बंदरों के व्यवहार में बदलाव आया है। ये रात को भी सक्रिय दिखते हैं। यूनिवर्सिटी का शोध अभी चल रहा है, इसकी रिपोर्ट आने पर कुछ और रोचक तथ्य सामने आ सकते हैं।