गांव की महिलाओं के समाज सुधार संबंधी निर्णयों को मौजिज लोगों का समर्थन
गांव की महिलाओं के समाज सुधार संबंधी निर्णयों को ग्राम के मौजिज लोगों का समर्थन
देशआदेश
ग्राम शरली में आज महिलाओं की एक महत्वपूर्ण सामूहिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें समाज में समय के साथ बोझ बनते जा रहे कई परम्परागत रिवाजों में व्यवहारिक सुधार के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए। इन निर्णयों का गांव के मौजिज लोगों और बुजुर्गों ने भी स्वागत किया।
वहीं सोशल मीडिया पर भी यह नई पहल की खबर खूब वायरल हो रही है और जमकर सराहना भी की जा रही है।
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं—
1. मामा स्वागत में कटौती:
शादियों में मामा स्वागत के लिए अब गांव से बड़ी संख्या में लोगों के जाने की प्रथा को सीमित किया गया है। अब केवल मामा के साथ उसी परिवार के 5–7 निकट संबंधी ही शामिल होंगे। पूर्व में यह संख्या 50–60 तक रहती थी।
2. प्रसूता के भोजन संबंधी रिवाज में सुधार:
किसी महिला की डिलीवरी होने पर माएके की ओर से भोजन बनाकर भेजने तथा पूरे गांव की महिलाओं को भोजन पर बुलाने की पुरानी परम्परा में बदलाव किया गया है। अब केवल प्रसूता के निकट 4–5 महिला रिश्तेदारों को ही भोजन में बुलाया जाएगा, जिससे माएके पक्ष पर पड़ने वाला अत्यधिक आर्थिक और व्यवस्थागत बोझ कम होगा।
3. मृत्यु संस्कार में परिवर्तन:
गांव में किसी मृत्यु के उपरांत कफन डालने की प्रक्रिया अब केवल निकट संबंधी महिलाएं करेंगी। अन्य महिलाएं परम्परानुसार मृतक परिवार के घर जाकर शोक संवेदना व्यक्त करेंगी तथा आटा- दाल आदि लेकर जाएंगी।
4. शराब पर पूर्ण प्रतिबंध:
गांव की महिलाओं ने सर्वसम्मति से गांव में शराब की खरीद–फरोख्त पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, जिसे ग्रामवासियों का भी पूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ।
5. कूड़ा-कचरा निस्तारण का नया नियम:
रास्तों के किनारे फेंके जा रहे कूड़े-कचरे से उत्पन्न गंदगी और बीमारियों को देखते हुए अब कोई भी व्यक्ति अपने घर का कचरा सड़कों पर नहीं फेंकेगा। कूड़ा अपने खेत में डालकर जलाया जाएगा, जिसकी राख खेत के लिए खाद का काम करेगी।
बैठक में उपस्थित महिलाओं ने इन सभी निर्णयों को ग्रामहित में आवश्यक बताते हुए सभी ग्रामीणों से इन्हें अपने-अपने घरों में लागू करने की अपील की।
: रक्षा ठाकुर एवं समस्त महिलाएं, ग्राम शरली

