चूड़धार यात्रा पर रोक, छह माह तक नहीं होंगे शिरगुल महाराज के दर्शन
चूड़धार यात्रा पर रोक, छह माह तक नहीं होंगे शिरगुल महाराज के दर्शन
चोटी पर बर्फबारी के बाद बंद हुए कपाट, प्रशासन ने लिया अहम फैसला, चूड़धार से लौटे कारोबारी व स्टाफ
न्यूज़ देश आदेश सिरमौर।
जनपद सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार की यात्रा पर रोक लग गई है। अब श्रद्घालुओं को छह माह तक प्रसिद्घ धार्मिक स्थल पर शिरगुल महाराज के दर्शन नहीं होंगे। चूड़धार चोटी पर बर्फबारी के बाद गत शुक्रवार शाम को सेवा समिति का सारा स्टाफ व कारोबारी अपने घरों को लौट गए हैं।
लिहाजा, धार्मिक स्थली चूड़धार में न ठहरने की व्यवस्था है और न ही खाने-पीने की। इसको लेकर चूड़ेश्वर सेवा समिति ने भी श्रद्घालुओं से अपील कि वह अब चूड़धार की यात्रा न करें। बर्फबारी के बाद चोटी पर ठिठुरन बढ़ गई है। तापमान माइनस में चला गया है। ऐसे में चूड़धार में किसी भी तरह की कोई व्यवस्था श्रद्घालुओं के लिए उपलब्ध नहीं है। यात्रा पर एक मई तक प्रतिबंध रहेगा।
चूड़धार में आने वाले श्रद्घालुओं के लिए समिति ठंड से बचाने के लिए कंबल का प्रबंध करती है। उनके खाने-पीने व ठहरने की व्यवस्था भी समिति की ओर से की जाती है। बता दें कि गत वीरवार व शुक्रवार को चूड़धार चोटी पर ताजा हिमपात हुआ। इसके बाद चूड़धार में चूड़ेश्वर सेवा समिति का सारा स्टाफ अपने घरों की तरफ निकल गया। मंदिर में सिर्फ स्वामी कमलानंद महाराज तपस्या में लीन हैं और उनके साथ एक सेवादार हैं। सेवादार भी कुछ दिन बाद अपने घर लौट जाएंगे।
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एक मई तक रहेगा प्रतिबंध
चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा ने बताया कि प्रशासन की ओर से चूड़धार यात्रा पर छह महीने के लिए रोक लगा दी गई है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि इन दिनों चूड़धार में भारी बर्फबारी होती है। इसलिए कोई भी यात्री चूड़धार जाने का जोखिम न उठाए। उन्होंने बताया कि प्रशासन के आदेशानुसार आगामी एक मई तक चूड़धार यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा।
चूड़धार में भारी बर्फबारी व खराब मौसम के चलते चूड़ेश्वर सेवा समिति का सारा स्टाफ शुक्रवार को अपने घरों के लिए रवाना हो गया है। अब वहां श्रद्घालुओं की सुविधा के लिए कोई प्रबंध नहीं हैं। लिहाजा, श्रद्घालू यात्रा कर अपनी जान जोखिम में न डालें।
Originally posted 2021-12-04 23:21:30.