बजट पारित, फिलहाल टला सुक्खू सरकार का संकट
विपक्ष की गैरमौजूदगी में बजट पारित, फिलहाल टला सुक्खू सरकार का संकट
न्यूज़ देशआदेश
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार पर आया संकट बुधवार को फिलहाल तीन माह के लिए टल गया। विपक्ष की गैरमौजूदगी में सत्ता पक्ष के विधायकों के ध्वनिमत से 62,421.73 करोड़ रुपये का बजट पारित कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर समेत भाजपा के 15 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में जबरन घुसने और मार्शल से धक्का-मुक्की के आरोप में निलंबित करने व हंगामे के बाद समूचा विपक्ष सदन से बाहर रहा।
कांग्रेस के छह विधायकों के बागी होने से राज्यसभा सदस्य का पद गंवाने के बाद सीएम सुक्खू पहली परीक्षा पास करने में सफल हो गए।
इसके साथ ही विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। फिलहाल अगले सत्र तक सरकार पर से संकट टल गया है, लेकिन कांग्रेस में हलचल जारी है।
बुधवार को पूरा दिन सियासी पारा चढ़ता-उतरता रहा। विक्रमादित्य के मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा के कुछ समय बाद यह चर्चा रही कि सुक्खू ने भी इस्तीफा दे दिया है,
लेकिन थोड़ी ही देर बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि मैंने इस्तीफा नहीं दिया है, हमारे पास बहुमत है, सरकार पूरे पांच साल चलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के कई विधायक हमारे साथ हैं।
बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बीते दिन विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर के बाहर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर समेत भाजपा के 15 विधायकों ने मार्शल से धक्का-मुक्की की।
उन्होंने प्रस्ताव पेश किया कि इन्हें सदन से निलंबित किया जाए। इस प्रस्ताव को स्वीकार कर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की सहमति से उन्हें निलंबित कर दिया।
डीके शिवकुमार और भूपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस विधायकों के टटोले मन, सुक्खू से की लंबी बैठक
राजधानी शिमला पहुंचे कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने बुधवार दोपहर बाद कांग्रेस के सभी मंत्रियों, विधायकों और मुख्य संसदीय सचिवों से एक-एक कर बैठक कर उनके मन टटोले।
पार्टी पर्यवेक्षकों ने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ सबसे पहले बैठक की। इसके बाद विक्रमादित्य सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी पर्यवेक्षकों से मिले।
कांग्रेस हाईकमान की ओर से हिमाचल में भेजे गए दोनों पर्यवेक्षकों ने रात तक बैठकें कर मुख्यमंत्री सुक्खू के प्रति नाराजगी को लेकर विधायकों की टोह ली। क्राॅस वोटिंग की भी पड़ताल की गई है।
प्रदेश में बदलते राजनीतिक समीकरणों को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ भी पर्यवेक्षकों की लंबी बैठक चली। अब दोनों पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को देंगे। इन बैठकों के दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे।