Sep 8, 2024
HIMACHAL

High Court: तकनीकी सहायकों को दें न्यूनतम वेतनमान, नियमितिकरण के लिए भी हकदार

पंचायती विभाग के तकनीकी सहायकों को दें न्यूनतम वेतनमान, नियमितिकरण के लिए भी हकदार

 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग में कार्यरत तकनीकी सहायकों को बड़ी राहत दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने प्रदेश के सभी तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश दिए हैं।

इसके अलावा उन्हें राज्य सरकार की नीति के तहत नियमितिकरण के लिए भी हकदार ठहराया है। अदालत ने विभाग की ओर से जारी 17 दिसंबर 2021 के आदेशों को निरस्त करते हुए यह निर्णय सुनाया।

अदालत ने कहा कि विभाग ने तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान से वंचित किया था।

विभाग ने जिला परिषदों को आदेश दिए थे कि तकनीकी सहायकों को सिर्फ कमीशन के आधार पर पारिश्रमिक दिया जाए। मोहित लट्ठ और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में विभाग के वेतन न देने के निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी।

अदालत को बताया गया कि पहले तकनीकी सहायकों को 8910 रुपये का मासिक वेतन दिया जा रहा था। लेकिन विभाग ने उसे बिना सोचे-समझे वापस ले लिया।

अदालत को बताया गया कि हिमाचल सरकार ने 7 अप्रैल 2008 को ग्राम पंचायत स्तर पर तकनीकी सहायकों को नियुक्त करने के लिए अधिसूचना जारी की। इन्हें नियुक्त करने का मुख्य उद्देश्य मनरेगा कार्यों की गुणवत्ता और लागत प्रभावशीलता का निरीक्षण करना था। इनके लिए सरकार ने वेतन निर्धारण के लिए नियम भी बनाए थे। नियमित तकनीकी सहायक को 10300-34800 और 3000 रुपये का ग्रेड पे एवं अनुबंध सहायकों को 5910 और सिर्फ 3000 रुपये के ग्रेड पे का प्रावधान किया गया था।

अदालत को बताया गया कि सरकार ने 23 जुलाई 2019 को तकनीकी सहायक के 1081 पद स्वीकृत करने का निर्णय लिया और वर्ष 2020 में 115 खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की थी।

याचिकाकर्ताओं को इस चयन प्रक्रिया में अनुबंध आधार पर नियुक्त किया गया था। उनके नियुक्ति पत्र में भी उन्हें 8910 रुपये मासिक दिए जाने का निर्णय लिया गया था।

अदालत को बताया गया कि विभाग ने बाद में इसे वापस लेते हुए सिर्फ कमीशन ही देने का निर्णय लिया था। इस निर्णय को अदालत ने असांविधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया।