प्रशिक्षण शिविर भाग न लेने वाले अध्यापकों के खिलाफ अब कार्रवाई की तैयारी
प्रशिक्षण शिविर
भाग न लेने वाले अध्यापकों के खिलाफ अब कार्रवाई की तैयारी, कारण बताओं नोटिस जारी
सरकारी स्कूलों में इसी शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम शुरू हो गया है। स्कूलों में पढ़ाने वाले जेबीटी अध्यापकों को अब इसके लिए दो-दो दिन का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य किया गया है।
शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षा खंडों में प्रशिक्षण शिविर लगाए थे, जिनमें 26 जेबीटी शिक्षकों ने भाग नहीं लिया। अब इन शिक्षकों को विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
शिविर में भाग न लेने का कारण पूछा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर शिक्षकों पर कार्रवाई हो सकती है।
जानकारी के जिले में नौ प्रारंभिक शिक्षा खंड हैं। प्रत्येक शिक्षा खंड में दो चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। हर जेबीटी शिक्षक को दो-दो दिन का प्रशिक्षण अनिवार्य लेना था।
पहले चरण में 14 व 15 मई और दूसरे चरण में 17 व 18 मई को प्रशिक्षण शिविर लगाए गए। इनमें 1519 शिक्षकों में से 1493 ने ही शिविर में भाग लिया, जबकि 26 शिक्षक गैरहाजिर पाए गए।
शिक्षा उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा डॉ. शिव कुमार शर्मा ने बताया कि जेबीटी अध्यापकों के लिए प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन खंड स्तर पर किया गया था। सभी अध्यापकों को भाग लेने के लिए कहा गया था। कुछ अध्यापक शिविर में नहीं आए, इनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
प्लास्टिक की बोतलें इकट्ठा कर लाने वाले बच्चों की फीस देती हैं टीचर, हर तरफ पहल की प्रशंसा
पर्यावरण को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जडेरा स्कूल की अध्यापिका पूजा शर्मा की पहल रंग ला रही है। एक तरफ जहां अध्यापिका बच्चों के साथ जोड़कर प्लास्टिक की बोतलें और रैपर्स एकत्रित कर रही हैं तो वहीं इसके बदले में स्कूली बच्चों की फीस भी अदा कर रही हैं। अब तक वे पांच विद्यार्थियों की मासिक फीस दे रही हैं।
इतनी प्लास्टिक की बोतलें और रैपर्स जमा करवा चुकी हैं अध्यापिका पूजा शर्मा
अध्यापिका की इस पहल की हर जगह सराहना हो रही है, जबकि कुछ अन्य स्कूलों ने भी इसी पहल को अपनाना शुरू कर दिया है। अध्यापिका पूजा शर्मा वर्तमान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जडेरा में तैनात हैं। यह पहल उन्होंने वर्ष 2019 में राजकीय माध्यमिक पाठशाला जुलाहकड़ी से शुरू की थी। अब तक करीब 4500 से अधिक प्लास्टिक की बोतलें और रैपर्स जमा करवा चुकी हैं।
‘बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है मकसद’
इसी माह करीब दो सौ बोतलें और रैपर्स ग्राम पंचाय जडेरा के कार्यालय में जमा करवाए हैं। अध्यापिका पूजा शर्मा का कहना है कि प्लास्टिक से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इसी को यह पहल शुरू की है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक और जिम्मेदार बनाना है।
‘अन्य स्कूलों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए करना चाहिए कार्य’
उच्च शिक्षा उपनिदेशक चंबा प्यार सिंह चाढ़क का कहना है कि अध्यापिका की यह पहल सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अन्य स्कूलों को भी इसी तर्ज पर पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना चाहिए।