Aug 18, 2025
Latest News

मुख्यमंत्री सुक्खू बोले- जमाबंदी का हिंदी फार्मेट हुआ सरल, उर्दू-फारसी शब्दों को हटाया

मुख्यमंत्री सुक्खू बोले- जमाबंदी का हिंदी फार्मेट हुआ सरल, उर्दू-फारसी शब्दों को हटाया

CM Sukhu said Hindi format of Jamabandi has been simplified, Urdu-Persian words have been removed

सरकार ने राजस्व मामलों में बड़े पैमाने पर सुधार किए गए हैं। राजस्व विभाग ने पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली (माय डीड) भी शुरू की है। इसके तहत लोग किसी भी समय और कहीं से भी रजिस्ट्री तहसीलदार को आवेदन कर सकते हैं। जमाबंदी का हिंदी फार्मेट भी सरल बनाया गया है, जिसमें पारंपरिक उर्दू और फारसी शब्दों को हटा दिया गया है। ऑनलाइन इंतकाल रजिस्टर को भी इस सिस्टम से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राजस्व विभाग डिजिटल माध्यम से हस्ताक्षरित किए गए जमाबंदी मॉड्यूल पर भी काम कर रहा है, जिससे ‘फरद’ प्राप्त करने के लिए पटवारखाने में बार-बार जाने से छुटकारा मिलेगा।

इसके अलावा ऑनलाइन इंतकाल मॉड्यूल तैयार करने की भी योजना है, जिससे इंतकाल की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तेज होगी और इसे सीधे जमाबंदी से जोड़ा जा सकेगा। रविवार को जारी बयान में सीएम ने कहा कि कहा कि राजस्व मामलों का निपटारा घर-द्वार करने के लिए उपतहसील और तहसील स्तर पर लोक राजस्व अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। अक्तूबर 2023 से जून 2025 तक विभाग ने 3,33,892 इंतकाल, 20,369 तकसीम, 36,164 निशानदेही करने के साथ-साथ राजस्व रिकाॅर्ड में 9,435 मामलों में दुरुस्ती की है। इस पहल से भूमि मालिकों को काफी राहत मिली है। सीएम ने कहा कि राजस्व विभाग आधुनिक तकनीकों का भी व्यापक स्तर पर उपयोग कर रहा है। अब तक 90 प्रतिशत गांवों के नक्शे ‘भू-नक्शा पोर्टल’ पर अपलोड किए जा चुके हैं। कुल 1.44 करोड़ खसरा नंबरों में से 1.19 करोड़ के लिए यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर यानी भू-आधार बनाए जा चुके हैं। साथ ही, 71 प्रतिशत खातों को आधार नंबर के साथ जोड़ा गया है और 30 प्रतिशत भूमि मालिकों की आधार सीडिंग भी पूरी हो चुकी है।

इसके अलावा राजस्व कोर्ट मामलों की फाइलिंग और प्रबंधन के साथ-साथ इंतकाल प्रक्रिया के पूर्ण डिजिटाइजेशन के निर्देश भी दिए हैं। लंबित राजस्व मामलों के त्वरित निपटारे के लिए हिमाचल प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1954 में संशोधन किया गया है, जिससे सक्षम राजस्व अधिकारी ई-समन जारी कर सकेंगे। इससे समन ई-मेल या व्हाट्सएप के माध्यम से जारी किए जा सकेंगे।