Nov 17, 2025
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हिमाचल प्रदेश समेत बाहरी राज्यों के 266 संस्थान संदिग्ध

छात्रवृत्ति घोटाला: हिमाचल प्रदेश समेत बाहरी राज्यों के 266 संस्थान संदिग्ध, कल तय होंगे आरोप

Scholarship scam 266 institutions from outside states including Himachal are suspected

हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में जांच निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। 250 करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले में हिमाचल समेत बाहरी राज्यों के 266 शिक्षण संस्थान संदिग्ध पाए गए हैं। इनमें से 17 संस्थानों की जांच पूरी हो चुकी है। अब इस घोटाले से जुड़े सीबीआई बनाम अरविंद राज्टा (चालान नंबर-1) मामले में 14 नवंबर को आरोप तय (चार्ज फ्रेमिंग) किए जाएंगे।

 

 

 

सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान ऊना के केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष हितेश गांधी को झटका लगा। उन्होंने अदालत में दलील दी कि सीबीआई की जांच अधूरी है और कई संस्थानों से संबंधित सप्लीमेंट्री चार्जशीट लंबित हैं। इसलिए चार्ज (आरोप) तय करने की प्रक्रिया को रोका जाए। चार्ज तय करना उनके अधिकारों का हनन होगा। हालांकि, विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) डॉ. परविंदर सिंह अरोड़ा ने इस दलील को सुनवाई में देरी का प्रयास बताते हुए खारिज कर दिया।

 

 

 

 

 

अदालत ने साफ कहा कि चालान नंबर-1 में जांच पूरी हो चुकी है। अब चार्ज तय करने का समय है। अदालत ने इस मामले को 14 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया है। उस दिन चार्ज फ्रेमिंग की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी। साथ ही अरविंद राज्टा और हितेश गांधी को अगली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि 7 मई 2019 को दर्ज हुआ यह मामला अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस घोटाले में सीबीआई अब तक 12 चार्जशीट दाखिल कर चुकी हैं।

यह है मामला
सीबीआई के मुताबिक, कुछ शिक्षण संस्थानों ने केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजना के तहत जारी राशि को फर्जी छात्रों के नाम पर हड़प लिया। जांच में पाया गया कि हितेश गांधी ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ऐसे छात्रों की फर्जी सूची बनाई, जो पहले ही संस्थान छोड़ चुके थे और उन्हीं के नाम पर छात्रवृत्ति की रकम निकाल ली गई।
इस मामले की एफआईआर 7 मई 2019 को दर्ज की गई थी। इसके बाद 30 मार्च 2020 को पहला आरोप पत्र (चार्जशीट) अदालत में दाखिल किया था। 5 अप्रैल 2021 को सीएफएसएल रिपोर्ट पेश की गई। 10 जुलाई 2025 को अभियोजन पक्ष ने आरोपों का मसौदा प्रस्तुत किया। 6 अगस्त 2025 को अभियोजन की दलीलें पूरी की थीं।

इस माह के अंत में जारी हो सकता है पंचायत चुनाव का शेड्यूल, राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियां पूरी

Himachal Panchayat election schedule may be released at the end of this month

हिमाचल प्रदेश पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव का शेड्यूल इस महीने के अंत में जारी हो सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। अब तक प्रदेश में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार को मानते हुए पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव कराने की बात की जा रही है। वहीं, जिन जिलों में आपदा के चलते सड़कें खराब हैं, वहां चुनाव को आगे भी खिसकाया जा सकता है। प्रदेश सरकार वार्डों के पुनर्गठन की तैयारियों में जुटा है। इस प्रक्रिया में समय लग सकता है।

हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल जनवरी 2026 में पूरा होने जा रहा है। प्रदेश सरकार भी पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव समय पर ही होंगे। आयोग की ओर से भी जिला निर्वाचन अधिकारियों और उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपनी तैयारियां पूरी रखें। इस महीने आयोग फैसला ले सकता है। वहीं, सरकार ने दावा किया है कि चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। विभाग की ओर से वार्डों के पुनर्सीमांकन का काम भी तकरीबन पूरा किया जा चुका है।

उल्लेखनीय है कि सरकार पहले ही स्थिति स्पष्ट कर चुकी है कि हिमाचल प्रदेश में नई पंचायतें नहीं बनेंगी। प्रदेश में वर्तमान में ग्राम पंचायतों की संख्या 3,577 है। यह संख्या नहीं बदलेगी। पंचायतीराज चुनाव में नया रोस्टर लगाया जाना है या फिर रोटेशन के आधार पर रोस्टर लागू किया जाए, इस पर निर्णय लिया जाना है। चूंकि सरकार को शिकायतें मिली हैं कि कई पंचायतें ऐसी हैं, जहां सीट महिलाओं के लिए ही आरक्षित चल रही है। ऐसे मामलों को भी सरकार देख रही है।

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