विधायक निधि से चैनलाइजेशन, रिटेनिंग वॉल लगा सकेंगे आपदा प्रभावित

आपदा से सबक, नदी-नालों से प्लॉट कितनी दूर, ततीमे में करना होगा जिक्र

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हिमाचल में आपदा से सबक लेते हुए भवन निर्माण के नियमों का पालन करवाने के लिए प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। अब भवनों के नक्शे पास कराने के लिए राजस्व विभाग से लिए जाने वाले प्लॉट के ततीमे में अब नदी-नालों का भी जिक्र करना होगा। प्लॉट से नदी या नाला कितनी दूरी पर है, बाकायदा इसे ततीमे में दर्शाना होगा। उचित दूरी पर प्लॉट होने के बाद ही नक्शे को मंजूरी दी जाएगी।
विधायक क्षेत्र विकास निधि के तहत विधायक कई मदों में बजट जारी कर सकते हैं। इनमें रिटेनिंग वाॅल, ब्रेस्ट वाॅल और नालों का चैनलाइजेशन पहले शामिल नहीं था। यह व्यवस्था बीच-बीच में ही की जाती थी। अब इसकी अवधि को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है। इस बारे में योजना विभाग की ओर जारी निर्देशों के तहत विधायकों ने प्रभावितों को बजट जारी करना भी शुरू कर दिया है। प्रावधानों के अनुसार विधायक विकास निधि का 10 प्रतिशत इस मद में जारी कर सकते हैं।

प्रदेश सरकार ने नदी से 7 और नालों से पांच मीटर की दूरी पर भवन निर्माण करने की अनुमति दी है। इसके साथ ही सरकारी भवनों और परियोजनाओं का निमार्ण नदी-नालों से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर होगा। नक्शा पास करने से पहले टीसीपी के वास्तुकार मौके का भी निरीक्षण करेंगे। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचाई है। पहले नालों से 3 और नदियों से 5 मीटर की दूरी पर भवनों का निर्माण किया जाता था। हिमाचल सरकार को इस मानसून सीजन में निजी और सार्वजनिक संपत्ति को करोड़ों का नुकसान हुआ है। नदी और नालों के किनारे बने भवनों को सबसे ज्यादा क्षति हुई है। बरसात में भारी बारिश से नालों और नदियों में जलस्तर बढ़ने से साथ लगते भवन बाढ़ की चपेट में आए हैं। इसके अलावा सरकारी भवनों और परियोजनाओं को भारी नुकसान हुआ है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने सरकारी भवनों के निर्माण के लिए ज्योलाॅजिकल और इंजीनियर रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि नदी-नालों से उचित दूरी पर ही निर्माण होगा। टीसीपी को इस बारे में आदेश जारी किए गए हैं। नक्शा पास करने से पहले नदी-नालों से प्लॉट कितना दूरी पर है। इसका भी जिक्र करना होगा।