उपायुक्तों के काम से राज्य निर्वाचन आयोग नाखुश
राज्य निर्वाचन आयोग ने मांगा जवाब
2..बड़े स्कूलों के हिस्से में आएगा फर्नीचर, किताबें, खेल सामग्री; विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

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हिमाचल प्रदेश में पंचायत और नगर निकाय चुनावों को लेकर उपायुक्तों से काम से राज्य निर्वाचन आयोग नाखुश है। उपायुक्तों की ओर चुनाव को लेकर तत्परता से काम न करने पर आयोग ने उनसे जवाब मांगा है। आयोग के मुताबिक उपायुक्तों को आरक्षण रोस्टर घोषित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन किसी भी उपायुक्त ने रोस्टर जारी नहीं किया है। चुनाव सामग्री भी नहीं उठाई जा रही। निर्धारित समय में वोटर लिस्टों का प्रकाशन नहीं हुआ है। यह सब नियमों का उल्लंघन है। उपायुक्तों की चुनाव संबंधी कार्यों को लेकर लापरवाही बरतने का यह मामला अब राजभवन तक पहुंच सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव की तैयारियों को लेकर सांविधानिक मुखिया होने के नाते राज्यपाल को सौंपी जाएगी।
प्रदेश में सभी पंचायतों के पुनर्सीमांकन का काम पूरा हो चुका है। यदि पंचायतों का पुनर्सीमांकन पुन: किया गया तो पूरी प्रक्रिया दोबारा पूरी करनी होगी। इससे पंचायत और नगर निकाय चुनावों की प्रक्रिया प्रभावित होगी। शहरी निकायों का कार्यकाल जनवरी मध्य और पंचायतों का कार्यकाल जनवरी के अंत तक पूरा हो रहा है।
राज्यपाल को देंगे तैयारियों की रिपोर्ट
उपायुक्त चुनाव संबंधी कार्य तत्परता से नहीं कर रहे। तय समय पर वोटर लिस्टों का प्रकाशन न करना नियमों का उल्लंघन है। उपायुक्तों से इसका कारण पूछा गया है। राज्यपाल प्रदेश के सांविधानिक मुखिया हैं, उन्हें हम अपनी तैयारियों से अवगत करवाएंगे। सरकार और निर्वाचन आयोग के परस्पर सहयोग से ही चुनाव होंगे -अनिल कुमार खाची, राज्य चुनाव आयुक्त हिमाचल प्रदेश
चुनावों के लिए 3 करोड़ मतपत्र तैयार
चुनाव आयोग ने चुनावों की तैयारी पूरी कर ली है। करीब 3 करोड़ मतपत्रों को छापने का काम पूरा हो गया है। मतदान से संबंधित फार्म छापे जा चुके हैं।
बड़े स्कूलों के हिस्से में आएगा फर्नीचर, किताबें, खेल सामग्री; विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

प्रदेश सरकार ने शून्य नामांकन या पांच से कम छात्रों वाले सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और उच्च विद्यालयों को डिनोटिफाई, डाउनग्रेड करने के बाद इनके स्टाफ, रिकॉर्ड और बुनियादी ढांचे के प्रबंधन को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षा सचिव की ओर से जारी निर्देशों को निदेशक स्कूल शिक्षा और जिलों के उपनिदेशकों को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है। यह दिशा-निर्देश सरकार की ओर से 8 और 14 अक्टूबर 2025 को जारी अधिसूचनाओं के अनुपालन में जारी किए गए हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया कि फर्नीचर, किताबें, खेल सामग्री सहित स्टॉक आइटम बड़े स्कूलों के हिस्से आएंगे। फर्नीचर, पुस्तकें, खेल सामग्री, वाद्य यंत्र जैसे स्टॉक की वस्तुओं को सबसे पहले उसी स्कूल में उपयोग किया जाएगा, यदि आवश्यकता हो। यदि वस्तुएं जरूरत से अधिक हों तो उन्हें उसी परिसर (कांम्प्लेक्स) में आने वाले अधिक नामांकन वाले जरूरतमंद स्कूलों में वितरित किया जाएगा। डिनोटिफाइड, डाउनग्रेडेड स्कूलों में तैनात शिक्षकों को नजदीकी उन स्कूलों में भेजा जाएगा, जहां नामांकन अधिक है और जहां पढ़ाई के लिए स्टाफ की आवश्यकता है। स्थानांतरण सरकारी अनुमोदन के बाद ही होंगे। जिन स्कूलों में स्टाफ भेजा जाएगा, वहां पोस्ट की शिफ्टिंग के लिए अलग प्रस्ताव तैयार करना होगा। स्टाफ समायोजन के बाद संबंधित पद भी उच्च नामांकन वाले स्कूलों में स्थानांतरित किए जाएंगे। समान रूप से, मल्टी-टास्क वर्कर, वाटर कैरियर की सेवाएं संबंधित स्कूल या उपनिदेशक के पास उपलब्ध रहेंगी और आवश्यकता अनुसार उपयोग में लाई जाएंगी। स्कूल रिकॉर्ड क्लस्टर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सुरक्षित रहेगा।
डिनोटिफाइड उच्च विद्यालयों के समस्त आधिकारिक रिकॉर्ड को संबंधित क्लस्टर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा, ताकि भविष्य में किसी प्रशासनिक आवश्यकता पर आसानी से उपयोग किया जा सके। शिक्षक वर्ग के सभी स्वीकृत पद राज्य स्तर पर एक कॉमन पूल में रखे जाएंगे। विशेषकर टीजीटी पदों के लिए अलग राज्य स्तरीय कॉमन पूल बनाया जाएगा। भविष्य में किसी भी स्कूल की आवश्यकता अनुसार, निदेशक की अनुशंसा पर इन्हें आवंटित किया जाएगा। स्कूल की भूमि व भवन शिक्षा विभाग के पास ही रहेंगे। डिनोटिफाई किए गए विद्यालयों की भूमि और भवनों का स्वामित्व शिक्षा विभाग के पास ही रहेगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आदेशों का पालन पूरी गंभीरता और भावना के साथ किया जाए।

