कांग्रेस ने डिग्री कॉलेज खोला, भाजपा के राज में भवन तक नसीब नहीं
कांग्रेस ने डिग्री कॉलेज खोला, भाजपा के राज में भवन तक नसीब नहीं
देशआदेश
रेणुका विधानसभा क्षेत्र की करीब दो दर्जन पंचायतों को उच्चतर शिक्षा प्रदान करने वाला डिग्री कॉलेज ददाहू आज भी अपने वजूद में नहीं है। बीते पांच वर्षों में कॉलेज को न तो अपना भवन मिला और न ही स्टाफ
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ददाहू के छात्रावास में इस कॉलेज की कक्षाओं का शिफ्टों में संचालन किया जा रहा है, जहां मात्र तीन कमरों में चार सौ के करीब विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उनके बैठने के लिए भी कमरों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
पांच वर्ष पहले 19 सितंबर 2017 को कांग्रेस सरकार के शासनकाल में ददाहू में डिग्री कॉलेज की स्थापना की गई थी। उसके बाद से आज तक इस कॉलेज में स्टाफ की कमी को पूरा नहीं किया गया। यहां प्राचार्य सहित प्राध्यापकों के पांच और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के चार पद रिक्त पड़े हुए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि डिग्री कॉलेज का अपना भवन बनाने को लेकर तीन वर्ष पूर्व चार जनवरी 2019 को 30 बीघा भूमि का चयन भी किया जा चुका है लेकिन एफसीए की अड़चनों के चलते आज तक यह भूमि शिक्षा विभाग के नाम नहीं हो पाई है। इसको लेकर वर्तमान भाजपा सरकार की जमकर किरकिरी भी हो रही है और विद्यार्थियों को भी इस कॉलेज का कोई खास लाभ नहीं मिल रहा है।
हालांकि, बीते पांच वर्षों के दौरान यहां विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर 350 के करीब पहुंच गई है, जिन्हें छात्रावास के कमरों में सिकुड़ कर बैठने के लिए विवश होना पड़ रहा है। कॉलेज के अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) प्रधान सोमदत्त शर्मा ने बताया कि कॉलेज भवन की जियो टैगिंग को लेकर किए गए प्रयास भी सफल नहीं हो रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने जियो टैगिंग को लेकर एक लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया था। अभी तक यह राशि विभाग के खाते में जमा नहीं हुई है। पीटीए फंड के माध्यम से ही कॉलेज भवन की जिओ टैगिंग करवाई जानी है। इस बाबत भी कोई आदेश अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं। फाइलों को दबाकर रखा जा रहा है।
प्राध्यापकों की कमी के चलते कॉलेज में कॉमर्स की कक्षाओं का संचालन आजतक शुरू ही नहीं किया जा सका है। जबकि इतिहास, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र और वाणिज्य के प्रवक्ताओं सहित प्राचार्य का पद भी रिक्त पड़े हुए हैं। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं। महत्वपूर्ण विषयों के प्राध्यापकों के पद रिक्त होने से अधिकतर विद्यार्थियों को नाहन और पांवटा के कॉलेजों में पढ़ाई करनी पड़ रही है।
उच्चतर शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक आशित कुमार मिश्रा ने बताया कि डिग्री कॉलेज ददाहू के भवन निर्माण को लेकर एफसीए की स्वीकृति के प्रयास जारी हैं। एफसीए की स्वीकृति के बिना ही यह मामला खटाई में पड़ा हुआ है। कॉलेज भवन की जियो टैगिंग को लेकर शीघ्र ही आदेश पारित किए जाएंगे।