Good News: पशुपालकों से गाय का दूध 90, भैंस का 100 रुपये प्रतिलीटर खरीदने की तैयारी
हिमाचल: पशुपालकों से गाय का दूध 90, भैंस का दूध 100 रुपये प्रतिलीटर खरीदने की तैयारी
मिल्कफेड पशुपालकों से स्टैंडर्ड दूध 32 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खरीद रहा है। लोगों को गाय का दूध 50 रुपये और भैंस का 60 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है। दूध खरीद में होने वाली आर्थिक क्षति की पूर्ति के लिए सरकार से वित्तीय मदद ली जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में पशुपालकों से गाय का दूध 90 और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर खरीदने की तैयारी की जा रही है। अभी मिल्कफेड पशुपालकों से स्टैंडर्ड दूध 32 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खरीद रहा है। लोगों को गाय का दूध 50 रुपये और भैंस का 60 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है। दूध खरीद में होने वाली आर्थिक क्षति की पूर्ति के लिए सरकार से वित्तीय मदद ली जाएगी। कांग्रेस सरकार की नौवीं गारंटी को लागू करने पर पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने कसरत शुरू कर दी है। मुख्य सचिव आरडी धीमान को पशुपालन विभाग के सचिव ने शनिवार को कार्य योजना की जानकारी दी।
इसमें विभाग और मिल्कफेड के अधिकारियों को तुरंत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में प्रदेश में कुल 4.71 लाख दुधारू पशुपालक हैं, जो दूध उत्पादन व्यवसाय अपनाकर जीवनयापन कर रहे हैं। इन लाखों पशुपालकों को दूध के खरीद दाम बढ़ाकर राज्य सरकार बड़ी सौगात देने की तैयारी में है।
नई सरकार प्रदेश के एक जिले में दूध उत्पादन के लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाएगी, ताकि इसे मॉडल के रूप में अपनाकर पूरे प्रदेश में श्वेत क्रांति लाई जा सके। मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक भूपेंद्र अत्री ने कहा कि इस दिशा में प्रस्ताव तैयार करके सरकार को भेजा जाना है।
प्रदेश में अभी मिल्कफेड को मंडी, शिमला और कुल्लू जिले के दुर्गम क्षेत्रों के 50,000 पशुपालक दूध बेच रहे हैं। ये वही पशुपालक हैं, जिनके घरों के पास दूध की बिक्री के लिए बाजार नहीं है। मिल्कफेड इनसे हर रोज करीब 1.30 लाख लीटर दूध खरीद रहा है। इन पशुपालकों का 80 फीसदी दूध मिल्कफेड खरीदता है, जबकि अन्य क्षेत्रों का 75 फीसदी दूध पशुपालक खुले बाजार में बेचते हैं। सरकार हर रोज प्रत्येक परिवार से सिर्फ दस लीटर दूध प्रतिदिन खरीदेगी। प्रदेश में मिल्कफेड के 11 दुग्ध संयंत्र प्रदेश भर में खुले हैं। इनमें से 50 हजार लीटर क्षमता का संयंत्र मंडी और 20 हजार लीटर क्षमता का संयंत्र रामपुर के दत्तनगर में है।
दूसरा 50 हजार लीटर क्षमता का दूध संयंत्र दत्तनगर में तैयार किया जा रहा है। अन्य संयंत्र 5 से 10 हजार लीटर क्षमता के हैं।