Nov 21, 2024
HIMACHAL

एचपीयू में नई शिक्षा नीति के अनुसार होंगे बीसीए, बीबीए, बीटेक और बीएचएम के कोर्स

एचपीयू में नई शिक्षा नीति के अनुसार होंगे बीसीए, बीबीए, बीटेक और बीएचएम के कोर्स

 

 

प्रदेश विश्वविद्यालय और इससे संबंधित कॉलेजों के साथ एचपीयू परिसर में चल रहे स्नातक डिग्री कोर्स का पाठ्यक्रम भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप तैयार किया जा रहा है।

BCA, BBA, BTech and BHM courses will be conducted According to the new education policy in HPU

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और इससे संबंधित कॉलेजों के साथ एचपीयू परिसर में चल रहे स्नातक डिग्री कोर्स का पाठ्यक्रम भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप तैयार किया जा रहा है।

 

 

 

 

बीए, बीएससी, और बीकॉम डिग्री कोर्स के साथ ही बीटेक, बीबीए, बीसीए और बीएचएम जैसे डिग्री कोर्स में भी नीति की शर्तों को लागू कर इसी के अनुरूप नए सत्र से पढ़ाई शुरू होगी। संबंधित कॉलेजों में चल रहे बी-वॉक कोर्स इस दायरे से फिलहाल बाहर है।

 

 

 

 

 

इसके अलावा विधि कोर्स में नीति को लागू करने को लेकर यूजीसी से आदेश नहीं आए हैं, इसलिए इस प्रोफेशनल कोर्स को नीति के दायरे से बाहर रखा है।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने बीसीए, बीबीए, बीटेक और बीएचएम स्नातक डिग्री कोर्स के यूजीसी की ओर से जारी करिकुलम एवं क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार, पाठक्रम तैयार करने का कार्य लगभग पूरा कर दिया है। नीति के इस दस्तावेज के अनुरूप ही विवि तैयारी कर रहा है।

विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अध्ययन एवं एनईपी लागू करने को बनी कमेटी के अध्यक्ष प्रो. बीके शिवराम ने माना कि यूजी के बीए, बीएससी और बी कॉम कोर्स के तीन और चार वर्षीय सिलेबस के अलावा अन्य बीसीए, बीबीए और बीटेक कोर्स के पाठ्यक्रम को भी एनईपी को लेकर आए दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयार किया जा रहा है।
 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लागू करने की तैयारियां समय पर हों जाएंगी पूरी
कमेटी के अध्यक्ष प्रो. बीके शिवराम ने कहा कि विश्वविद्यालय समय से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नीति डाॅक्यूमेंट के अनुरूप लागू करने के लिए तैयारियां समय से पूरी कर देगा। तीस अप्रैल तक विश्वविद्यालय के सभी विभागों की ओर से पाठ्यक्रम तैयार कर दिए जाएंगे।
अगले सप्ताह पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए अधिष्ठाताओं की बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें जो भी कमियां और समस्याएं रहेंगी, उसे सुलझा कर पाठ्यक्रम तैयार हो जाएंगे। उसके बाद इसे अंतिम मंजूरी दिलवाने को प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
विवि और इससे संबद्ध कॉलेजों, संस्थानों विधि और मेडिकल कोर्स के अलावा जो भी तीन या चार वर्षीय स्नातक डिग्री कोर्स चल रहे है, उन्हें एनईपी के दायरे में ला कर संचालित किए जाने के आदेश है। इसके लिए विवि कार्य कर रहा है।