Nov 25, 2024
HIMACHAL

उपचुनाव: जयराम सरकार की अग्निपरीक्षा, कांग्रेस को संजीवनी की आस

उपचुनाव: जयराम सरकार की अग्निपरीक्षा, कांग्रेस को संजीवनी की आस

न्यूज़ देश आदेश, शिमला

हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र और प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों में हो रहा उपचुनाव जयराम सरकार के लिए अग्निपरीक्षा बन गया है और कांग्रेस के लिए संजीवनी की आस लेकर आया है। गृह जिला मंडी संसदीय क्षेत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। भाजपा के लिए जुब्बल-कोटखाई की सीट बचाने की भी चुनौती है।

उधर, कांग्रेस के लिए फतेहपुर और अर्की सीट वापस जीतने के साथ मंडी और जुब्बल-कोटखाई में बेहतर प्रदर्शन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।

कहने को तो यह प्रत्याशियों की साख और भविष्य पर मुहर लगाने भर का चुनाव है। इससे केंद्र या प्रदेश सरकार को सीधे तौर पर कोई लाभ या हानि नहीं होनी है, लेकिन उपचुनावों की जीत-हार 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों की दिशा और दशा तय करेगी।

भाजपा और कांग्रेस के प्रभारियों की नियुक्ति के बाद यह पहला चुनाव है। उनकी मेहनत और संगठन को लेकर की जा रही कोशिशों को भी कसौटी पर परखा जाएगा। मंत्रियों और दोनों दलों के विधायकों का भी कद उपचुनाव से तय होना है। भाजपा और कांग्रेस उपचुनावों को महज एक लोकसभा और तीन विधानसभा क्षेत्र की बजाय बीस विधानसभा क्षेत्र का चुनाव मानकर चल रही है।

अब देखना यह है कि इन क्षेत्रों के 15 लाख से ज्यादा मतदाता किस दल और नेता को अगले एक साल के लिए चुनते हैं।

फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई में त्रिकोणीय मुकाबला
फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई में भाजपा और कांग्रेस को निर्दलीय प्रत्याशियों से कड़ी चुनौती मिल रही है। दिवंगत नरेंद्र बरागटा के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव में भाजपा ने परिवारवाद के नाम पर नरेंद्र के बेटे चेतन बरागटा को टिकट नहीं दिया तो ऐसा सियासी भूचाल आया कि भाजपा का सिपहसालार उनके ही खिलाफ खड़ा हो गया।

फतेहपुर में भी दिवंगत सुजान सिंह पठानिया के धुर विरोधी रहे पूर्व भाजपाई डॉ. राजन सुशांत की मौजूदगी से भी सियासी समर रोचक बन चुका है

 

Originally posted 2021-10-29 23:25:48.