Nov 21, 2024
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ग्रामसभा में एजेंडा होगा नशा नहीं, जिंदगी चुनो

पितृपक्ष के साथ प्रदेश से विदा हो जाएगी बारिश, इस साल मेहरबान रहा मानसून, मौसम विभाग ने की ये भविष्यवाणी

 

फूले कास सकल महि छाई, जनु वर्षा कृत प्रगट बुढ़ाई…

गोस्वामी तुलसीदास ने ये चौपाई श्रीराम चरित मानस में लिखी है। इसका मतलब है कि अब चारों ओर कास (एक तरह की घास) के सफेद फूल खिल चुके हैं, यह वर्षा ऋतु की विदाई का संकेत है।

 

सदियों से बुजुर्ग और किसान भी इसे बूढ़ी हो चली वर्षा रानी के सफेद बालों की उपमा देते हुए मानसून की विदाई और शरद ऋतु की आहट का प्रतीक मानते रहे हैं।

प्रकृति के साथ ही वैज्ञानिक भी इससे सहमत हैं। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह भी कहते हैं कि 1 जून से 30 सितंबर तक चलने वाले मानसून सीजन का सोमवार को समापन हो गया।

 

वर्तमान में प्रदेश से मानसून की वापसी की परिस्थितियां अनुकूल हैं। मानसून विदड्रॉल लाइन फिलहाल राजस्थान, हरियाणा, पंजाब से हो कर गुजर रही है। हिमाचल और जम्मू कश्मीर से भी मानसून विदड्रॉल सुनिश्चित हो जाए तब औपचारिक तौर पर मानसून की विदाई होगी।

 

ग्रामसभा में एजेंडा होगा नशा नहीं, जिंदगी चुनो

 

समस्त ग्राम पंचायतों में 2 अक्तूबर को होने वाली विशेष ग्राम सभा की बैठकों में नशा नहीं, जिंदगी चुनो विषय को एजेंडे के रूप में शामिल किया जाएगा।

ग्राम सभा बैठकों के दौरान नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी और जागरूकता को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

 

लोगों को नशीली दवाओं और पदार्थों के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाएगा।

 

दो अक्तूबर को हर साल ग्राम सभा का आयोजन किया जाता है।चंबा जिले की भी सभी पंचायतों में यह ग्राम सभाएं होंगी।