Jul 5, 2025
HIMACHAL

ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने पर सरकार का फोकस

प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के मकसद से कर रही है कार्य:सीएम

 

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और हिमाचल प्रदेश पशु एवं कृषि सखी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकातर कर अपनी मांगें उठाईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के मकसद से कार्य कर रही है। सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों को मजबूत बनाने के लिए अनेक पहल की हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती पद्धति के उत्पादों को विशेष अधिमान दिया जा रहा है। प्रदेश के हिम ईरा व अन्य उत्पाद दूसरे प्रदेशों में लोकप्रिय हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार दूध, प्राकृतिक खेती से उगाए गेहूं, मक्की और हल्दी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया है। महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री के लिए ई-कॉमर्स ‘हिम-ईरा’ वेबसाइट शुरू की गई है। प्राकृतिक खेती कर रहे प्रदेश के एक लाख 58 हजार से अधिक किसानों को प्रमाणित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक तरीके से उगाई गई मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये और गेहूं का 40 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये प्रतिकिलो किया है। प्रदेश में पहली बार प्राकृतिक हल्दी का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार कच्ची हल्दी 90 रुपये प्रतिकिलो की दर से खरीदने जा रही है, जिसे हिमाचली हल्दी के नाम से बढ़ावा दिया जाएगा।

दवाई से ठीक नहीं हो रहा खांसी-बुखार तो होगा कोविड टेस्ट

सूंघने की शक्ति कमजोर होना कोरोना का संकेत, टेस्ट जरूरी : डॉ. सहगल

चंबा। जिस मरीज का बुखार और खांसी दवाई खाने के बाद भी ठीक नहीं हो रहे हैं, उनकी कोविड जांच की जा रही है। पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में ऐसे मरीजों की जांच शुरू हो चुकी है।
ओपीडी में आने वाले मरीजों की मॉनिटरिंग की जा रही है। जो मरीज सर्दी, खांसी और बुखार की दवाई लेने के लिए दोबारा पहुंच रहा है, एहतियातन तौर पर उसकी कोविड जांच करवाई जा रही है। इसके लिए पुराने कोविड अस्पताल को भी चालू कर दिया है। हालांकि, वहां पर अभी तक एक भी मरीज उपचाराधीन नहीं है।

जिन लोगों की सूंघने की शक्ति काम नहीं कर रही है, उनके भी कोविड टेस्ट किए जा रहे हैं। यह कोरोना संक्रमण का संकेत हो सकता है। प्रबंधन की तरफ से सभी चिकित्सकों और अन्य स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि सर्दी, खांसी और बुखार वाले मरीजों का पूरा रिकॉर्ड रखें।

सरकार की तरफ से कोविड को लेकर जैसे ही अलर्ट किया गया तो मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने टेस्ट शुरू करने के लिए कोविड किट उपलब्ध करवाईं। इसके बाद मरीजों के टेस्ट शुरू कर दिए हैं। कोविड के संभावित लक्षणों से पीड़ित मरीजों को अन्य बीमारी से ग्रसित मरीजों से अलग रखा जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज प्रवक्ता डॉ. मानिक सहगल ने बताया कि सर्दी, खांसी व बुखार वाले मरीजों के कोविड टेस्ट शुरू कर दिए हैं। अभी तक चंबा में कोई भी मरीज कोरोना संक्रमित नहीं निकला है। प्रबंधन इसको लेकर पूरी सक्रियता के साथ कार्य कर रहा है।