जेबीटी के 1762 पदों की दो भर्तियां शिक्षा विभाग ने लीं वापस
Himachal Pradesh: जेबीटी के 1762 पदों की दो भर्तियां शिक्षा विभाग ने लीं वापस, राज्य चयन आयोग लिखा पत्र

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शिक्षा विभाग ने पूर्व भाजपा सरकार में मई 2022 में विज्ञाप्ति 467 पदों की जेबीटी कमीशन की भर्ती को विड्रा कर लिया है। इससे पहले 21 जुलाई को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से 1295 जेबीटी पदों की भर्ती को वापस लिया गया था। ऐसे में इन 1762 पदों पर फिलहाल भर्ती नहीं होगी। अब करीब तीन साल पूर्व शुरू हुए भर्ती प्रक्रिया को बंद कर पदों को विड्रा कर लिया है। संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश सरकार की नई भर्ती नीति जॉब ट्रेनिंग पॉलिसी के तहत ही अब इन 1762 पदों को भरा जाएगा। पूर्व भाजपा सरकार में मई 2022 में 80 पोस्टकोड के तहत विभिन्न विभागों में 1423 पद विज्ञाप्ति किए गए थे। इसमें जेबीटी के 467 पद भी शामिल थे।
कर्मचारी चयन आयोग ने इसके लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। इन पदों के लिए 30 सितंबर, 2022 से 29 अक्तूबर, 2022 तक प्रक्रिया चली थी। ऐसे में हजारों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। अब इन आवेदनों पर सरकार क्या फैसला लेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। पेपर लीक मामले के चलते कर्मचारी चयन आयोग भंग हो चुका है। अब नवगठित राज्य चयन आयोग के माध्यम से भर्तियां आयोजित होंगी। इस बीच शिक्षा विभाग ने इन पदों को विड्रा कर आवेदकों को असमंजस में डाल दिया है। वर्तमान सरकार ने हाल ही में फैसला लिया था कि अब विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को नई भर्ती नीति के आधार पर भरा जाएगा। विभिन्न विभागों को भर्ती विभाग को पदों को भरने के लिए रिक्यूजीशन यानी मांग भेजने के लिए कहा गया है।
ऐसे में सभी विभाग अब आयोग की बजाय भर्ती विभाग को रिक्यूजीशन भेजने के लिए पूर्व की रिक्यूजीशन को वापस ले रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस कड़ी में ही शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है। वर्तमान में टीजीटी भर्ती की आवेदन प्रक्रिया जारी है। टीजीटी के बाद जेबीटी की भर्ती का इंतजार प्रदेश के युवा कर रहे हैं।
टीजीटी की भर्ती के लिए 31 अगस्त तक आवेदन की तिथि बढ़ाई गई है। टीजीटी के बाद जेबीटी की भर्ती राज्य चयन आयोग के माध्यम से होनी थी, लेकिन इसे वापस ले लिया गया है। पिछले महीने मंत्रिमंडल ने यह तय किया था कि अब सभी तरह की भर्तियां भर्ती निदेशालय के माध्यम से होगी। यह निदेशालय कार्मिक विभाग के तहत ही वर्तमान में काम कर रहा है। अब सीधे आयोग को रिक्यूजीशन भेजने की बजाय निदेशालय को रिक्यूजीशन भेजी जाएगी।
