Oct 18, 2024
CRIME/ACCIDENT

हिमाचल-उत्तराखंड को जोड़ने वाले यमुना पुल पर मंडराया खतरा

 

हिमाचल-उत्तराखंड को जोड़ने वाले यमुना पुल पर मंडराया खतरा

दिनदहाड़े अवैध खनन की हिमाकत: पुल की नींव तक खनन, निंद्रा में सोई सरकारें-प्रशासन

पांवटा साहिब

हिमाचल-उत्तराखंड को जोड़ने वाले यमुना पुल पर खतरे के बादल मंडरा गए हैं। बेखौफ खननकारी यमुना पुल के पिल्लरों तक रेत बजरी खोदते हुए पहुंच गए हैं। इससे देहरादून-पांवटा साहिब एनएच 07 पर बने यमुना पुल को खतरा पैदा हो गया है।

राज्य में विभिन्न विभागों के तीन दर्जन अधिकारियों को अवैध खनन रोकने की शक्तियां हैं लेकिन राज्य सीमा पर खनन माफिया ही बेलगाम हो चुका है। अवैध खनन माफियाओं ने इस पुल के ठीक नीचे पिल्लरों को भी नहीं छोड़ा

जिला खनन अधिकारी सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के साथ यमुना नदी में विस्तृत सीमा क्षेत्र लगता है। समय-समय पर छापामारी की जाती रही है। सीमा निर्धारण नहीं हो पाने से कार्रवाई में कई बार दिक्कतें आती हैं। खननकारी पड़ोसी राज्य सीमा की तरफ भाग जाते हैं। अब, उत्तराखंड के विकासनगर और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीमों के माध्यम से अवैध खनन को रोकने का प्रयास किया जाएगा।

पूर्व अधिशाषी अभियंता लोनिवि एवं विशेषज्ञ एमएस कैंथ का कहना है कि पुल के पिल्लर तक अवैध खनन होना खतरनाक है। कई दशकों पुराने यमुना पुल के रोलर बियरिंग व फाउंडेशन की हालत पहले ही ठीक नहीं। अब, ओवरलोडिंग व अवैध खनन से पुल के क्षतिग्रस्त होने व गिरने का खतरा मंडरा सकता है।

उधर, एनएच प्राधिकरण के अधिशाषी अभियंता अनिल शर्मा ने कहा कि सूचना मिली है। यमुना पुल के नीचे अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन व खनन विभाग को पत्र भेजा जा रहा है।

सरकारी संपत्ति की क्षति का मामला दर्ज हो

व्यापार मंडल अध्यक्ष पांवटा अनिंद्र सिंह नोटी ने कहा कि स्थानीय पर्यटन, व्यापार, उद्योग यमुना पुल पर निर्भर है। पुल के नीचे खनन करने पर हत्या की साजिश, सरकारी संपत्ति को क्षति जैसे संगीन अपराध के तहत मामला अवैध खननकारियों पर दर्ज हो।
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सरकार को करोड़ों के राजस्व की चपत

हिमाचल किसान सभा जिला महासचिव गुरविंद्र सिंह गोपी ने कहा कि यमुना नदी किनारे अवैध खनन से हिमाचल सरकार को करोड़ों की चपत लग रही है। पुल को क्षति पहुंचने की दशा में दोनों राज्यों का सड़क संपर्क टूट जाएगा।
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सरकार और प्रशासन की चुप्पी हैरानजनक

कमरऊ निवासी युवा अतर सिंह ठाकुर का कहना है कि दोनों राज्यों का प्रशासन, खनन, वन व अन्य विभाग की चुप्पी हैरानजनक है। यह यमुना पुल दशकों से उत्तराखंड, यूपी समेत कई राज्यों को हिमाचल से जोड़ता है। इसके ठीक नीचे खनन से पुल को खतरा हो सकता है।
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पुल की नींव तक खनन, निंद्रा में सोई सरकारें-प्रशासन

समाजसेवी मनिंदर सिंह मनी का कहना है कि ज्यादतर अवैध खनन देर रात और सुबह पौ फटने से पहले किया जाता है। पुल की नींव तक अवैध खनन खतरे की घंटी बजा रहा है। दोनों राज्यों की सरकारों, प्रशासन एवं विभागों की निंद्रा टूटनी जरूरी है।
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दिनदहाड़े अवैध खनन की हिमाकत
युवा व्यवसायी दिनेश शर्मा का कहना है कि राज्य सीमा पर खनन माफिया दिनदहाड़े अवैध खनन की हिमाकत कर रहे हैं। नियमानुसार पुल से 500 मीटर की दूरी तक खनन नहीं किया जा सकता

 

Originally posted 2021-12-14 23:54:20.