Nov 22, 2024
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हवा-पानी में कोरोना वायरस का पता लगाएगा सीआरआई

CRI Kasauli: हवा-पानी में कोरोना वायरस का पता लगाएगा सीआरआई कसौली

न्यूज़ देशआदेश

 

सीआरआई कसौली पर्यावरण (हवा) में कोरोना वायरस के फैलने का पता लगाएगा। इसके लिए सीआरआई में पर्यावरण निगरानी केंद्र बनाया गया है।

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) कसौली पर्यावरण (हवा) में कोरोना वायरस के फैलने का पता लगाएगा। इसके लिए सीआरआई में पर्यावरण निगरानी केंद्र बनाया गया है। यह देश का पहला सर्विलांस सेंटर होगा, जिसमें कोरोना वायरस की पर्यावरण में मौजूदगी का पता लग सकेगा। इसके लिए देशभर से टेस्टिंग के लिए सीवेज के सैंपल लाए जाएंगे। इसे लेकर संस्थान में कार्य शुरू हो गया है। सीआरआई में सीवेज के सैंपलों की जांच के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कोरोना वायरस पर्यावरण में मौजूद है या नहीं है। टेस्टिंग से जो डाटा उपलब्ध होगा, वह कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मददगार भी होगा।

जानकारी के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) सीआरआई के साथ मिलकर यह शोध कार्य कर रहे हैं। शोध की रिपोर्ट बनाकर भी सीआरआई भेजेगा। शोध अगले दो माह में पूरा किया जाना है। इस प्रोजेक्ट से जहां सीवेज से कोरोना वायरस के फैलने का पता चल सकेगा, वहीं यह पता लग सकेगा कि पर्यावरण में भी कोरोना वायरस जीवित है कि नहीं। वायरस के जीवित रहकर पीने के पानी में मिलने का भी खतरा रहता है। इसी का पता लगाने के लिए यह शोध किया जा रहा है।  

वैज्ञानिकों की हुई नियुक्ति 

सर्विलांस पर्यावरण निगरानी केंद्र में शोध कार्य करने के लिए वैज्ञानिकों की नियुक्ति कर दी गई है और मशीनें भी स्थापित कर दी हैं। इनके सहयोग से हर बारीकी का पता लग जाएगा और हर स्थिति पर नजर रखी जाएगी। अगर कोरोना वायरस पर्यावरण में है तो यह किसी खतरे से कम नहीं है। 

डब्ल्यूएचओ व आईसीएमआर के साथ मिलकर संस्थान शोध कार्य करने जा रहा है। इस शोध की रिपोर्ट तैयार कर भेजी जाएगी। केंद्र सीवेज के सैंपलों का परीक्षण कर पर्यावरण में कोरोना वायरस का पता लगाएगा। इसे लेकर प्राथमिक कार्य पूरा कर लिया गया है और संबंधित नियुक्तियां भी कर ली हैं। -डॉ. यशवंत कुमार, सहायक निदेशक एवं पीआरओ, सीआरआई