Nov 24, 2024
HIMACHAL

हिमाचल में प्रदूषण प्रमाणपत्र बनाने में लगेगा ग्रीन टैक्स, दोगुना हुई फीस

हिमाचल में प्रदूषण प्रमाणपत्र बनाने में लगेगा ग्रीन टैक्स, दोगुना हुई फीस

 

आज मंत्रिमंडल बैठक में बजट घोषणाओं पर होंगे फैसले, कर्मियों की मांगों पर भी चर्चा संभव

देशआदेश

 

हिमाचल प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र बनाने पर अब ग्रीन टैक्स लगेगा। सभी गाड़ियों के लिए प्रदूषण के नियंत्रित होने का प्रमाणपत्र बनाने की फीस लगभग दोगुना बढ़ा दी गई है। सुक्खू सरकार ने आमदनी बढ़ाने का एक और तरीका खोज निकाला है। वर्ष 1999 के बाद पहली बार यह फीस बढ़ाई गई है। प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।

 

पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी चालित दोपहिया वाहन से 100 रुपये फीस ली जाएगी। इसमें 20 रुपये ग्रीन टैक्स होगा। इसी तरह से इसी श्रेणी के तिपहिया वाहन से यह 120 रुपये लेंगे। इसमें भी 20 रुपये हरित कर होगा। पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी चालित चार पहिया यानों के लिए यह फीस 130 रुपये होगी। इसमें 30 रुपये हरित कर होगा। इसी तरह से डीजल चालित वाहनों के लिए यह फीस 150 रुपये होगी। इसमें 40 रुपये हरित कर होगा।

 

सिक्योरिटी भी 15 हजार और 5 हजार रुपये लेंगे
अब प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र जारी करने वाली एजेंसियां सिक्योरिटी भी शहरी क्षेत्रों के अभिकेंद्रों से 15,000 रुपये जमा करेंगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित केंद्रों से 5,000 रुपये देंगी। सालाना प्राधिकारिता नवीकरण शुल्क को भी लगभग दोगुना किया गया है। यह 4,000 रुपये से 8,000 रुपये तक होगा। प्राधिकारिता शुल्क भी इसी तरह से 4,000 रुपये से 8,000 रुपये किया गया है। यह भी दोगुना होगा।

 

हिमाचल मंत्रिमंडल बैठक में बजट घोषणाओं पर होंगे फैसले, कर्मियों की मांगों पर भी चर्चा संभव

 

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को दोपहर बाद तीन बजे बुलाई गई है। इसमें सीएम की विभिन्न बजट घोषणाओं पर फैसले होंगे। इसमें कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों के मानदेय बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है। राज्य मंत्रिमंडल की इस बैठक में 31 सरकारी स्कूलों का दर्जा बहाल करने को लेकर चर्चा हो सकती है।

बीते दिनों सुक्खू सरकार ने एक अप्रैल 2022 के बाद स्तरोन्नत हुए 70 उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का विद्यार्थियों की कम संख्या होने पर दर्जा घटा दिया था।

अभिभावकों के विरोध और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह व पूर्व विधायक आशा कुमारी के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने इस मामले पर दोबारा विचार करने का फैसला लिया था।

 

31 मार्च और 15 अप्रैल 2023 के दाखिलों की जगह 29 मई तक स्कूलों में हुए दाखिलों को आधार बनाते हुए स्कूलों के दर्जे को लेकर आगामी निर्णय लेने की बात कही थी।

इसी कड़ी में शिक्षा निदेशालय ने सरकार को दाखिलों की नई रिपोर्ट भेजी है। इसमें 70 स्कूलों में से 31 में विद्यार्थियों के दाखिले बढ़ गए हैं। ऐसे में अब कैबिनेट बैठक में इन 31 स्कूलों का दर्जा बढ़ाने का फैसला हो सकता है।

इसके अलावा राज्य सरकार की आमदनी बढ़ाने के कई उपायों पर भी मंत्रिमंडल की बैठक में फैसले होंगे।