Sep 7, 2024
HIMACHAL

हथिनीकुंड के पास बनेगा नया बांध, 6000 करोड़ होगी लागत, 14 किमी लंबा होगा जलाशय

हथिनीकुंड के पास बनेगा नया बांध, 6000 करोड़ होगी लागत, 14 किमी लंबा होगा जलाशय

इसमें हरियाणा के चार व हिमाचल के पांवटा खण्ड के पांच गांव शामिल

 हरियाणा सरकार ने हिमाचल सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मांगा

 

न्यूज़ देशआदेश

 

हरियाणा सरकार करीब छह हजार करोड़ की लागत से बांध बनाने की योजना बना रही है। इसमें 14 किलोमीटर लंबा जलाशय होगा। इसके निर्माण में एनएच 73 का 11 किमी लंबा हिस्सा व नौ गांव दायरे में आ सकते हैं। इनमें हरियाणा के चार व हिमाचल के पांच गांव शामिल हैं।

 

हरियाणा सरकार ने यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज से 4.5 किलोमीटर पहले बांध का निर्माण करेगी। सरकार ने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इस बांध के बनने से यमुना के किनारे बसे जिलों में आने वाली बाढ़ से छुटकारा मिलेगा। वहीं 250 मेगावाट बिजली उत्पादन में मदद मिलेगी। बांध के पानी से सूखे की स्थिति में सवा लाख एकड़ भूमि की सिंचाई हो सकेगी।

 

सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित बांध का प्रारंभिक सर्वेक्षण हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के संबंधित क्षेत्रों में पहले ही हो चुका है। अतिरिक्त सर्वेक्षण के लिए हरियाणा सरकार ने हिमाचल सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मांगा है। एनओसी के बाद दोनों प्रदेशों के बीच इस बांध के निर्माण के लिए करार हो सकता है।

बीते महीने पहाड़ों में बारिश से यमुना नदी उफान में थी। इससे न सिर्फ हरियाणा बल्कि दिल्ली को भी नुकसान झेलना पड़ा था। इसे ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार करीब छह हजार करोड़ की लागत से बांध बनाने की योजना बना रही है। इसमें 14 किलोमीटर लंबा जलाशय होगा। इसके निर्माण में एनएच 73 का 11 किमी लंबा हिस्सा व नौ गांव दायरे में आ सकते हैं। इनमें हरियाणा के चार व हिमाचल के पांच गांव शामिल हैं

 

अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह पर डैम बनना है, उसके स्थान का चयन कर लिया गया है। यह करीब 5400 एकड़ भूमि में बनेगा। अधिकारियों का कहना है कि पहाड़ों में ज्यादा पानी आने की स्थिति में हथिनी कुंड बैराज के गेट खोले जाते हैं। बांध बनने के बाद यदि ऐसी स्थिति आती है तो हथिनी कुंड बैराज के पानी को इस बांध में लाया जाएगा। इसके जलाशय की क्षमता 10.82 क्यूसिक होगी

यह मिलेगा लाभ

अधिकारियों का कहना है कि इस बांध के बनने के बाद न सिर्फ हरियाणा बल्कि यूपी, हिमाचल व दिल्ली को भी लाभ मिलेगा। बांध बनने से हरियाणा के साथ यूपी व दिल्ली को भी बाढ़ से छुटकारा मिलेगा। वहीं, पानी की उपलब्धता से 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। बांध के जलाशय के पानी से आसपास की नहरों में सिंचाई के पानी की तीव्रता में सुधार होगा। वहीं, जलाशय के पानी से रबी और खरीफ फसल की सिंचाई हो सकेगी। सिंचाई के पानी का लाभ यूपी को भी मिलेगा। इसके अतिरिक्त हर साल करोड़ों रुपये की राशि बाढ़ रोकथाम कार्यों पर जो खर्च की जाती है, उसकी भी बचत होगी

बाढ़ पर दिल्ली व हरियाणा के बीच हो चुका टकराव

बीते महीने जुलाई में हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने पर दिल्ली व हरियाणा सरकार के बीच टकराव बन गया था। दोनों सरकारों के बीच काफी बयानबाजी हुई थी। केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया था कि पड़ोसी राज्य ने हथिनीकुंड से ज्यादा पानी छोड़ा था, जिससे दिल्ली में बाढ़ का पानी घुस गया था। वहीं, आईटीओ बैराज के मुद्दे पर भी दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया था। इस मुद्दे पर हरियाणा ने पिछले दिनों चीफ इंजीनियर को निलंबित कर दिया था।