आचार संहिता के फेर में फंसी सैकड़ों कर्मियों की पदोन्नति, बिना लाभ मिले हो जाएंगे सेवानिवृत्त
आचार संहिता के फेर में फंसी सैकड़ों कर्मियों की पदोन्नति, बिना लाभ मिले हो जाएंगे सेवानिवृत्त
लोकसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता के कारण प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के पदोन्नति के मामले लटक गए हैं। सबसे अधिक ग्रेड-2 के करीब 500 मामले लंबित हैं। इसके अलावा वरिष्ठ सहायकों की पदोन्नति की 350 फाइलों को भी मंजूरी नहीं मिल पा रही है।
शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों की पदोन्नति से संबंधित दर्जनों फाइलें पास नहीं हो पा रही हैं। कुछ फाइलें सचिवालय स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी से पास कर निर्वाचन विभाग को भेज दी गईं हैं। निर्वाचन विभाग की ओर से केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेजी गईं फाइलों को मंजूरी न मिलने से समस्या खड़ी हुई है। कई कर्मचारी 31 अप्रैल तो कई अगले माह सेवानिवृत्त होने वाले हैं। पदोन्नति की मंजूरी न मिलने के कारण सैकड़ों कर्मचारी पदोन्नत हुए बिना ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे। आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण कर्मचारी पदोन्नति से वंचित रह रहे हैं। निर्वाचन विभाग ने कुछ मामले मंजूरी के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि आचार संहिता के दौरान कर्मचारियों को नए स्थान पर तैनाती न देकर पदोन्नत कर वित्तीय लाभ दिए जाने चाहिए।
आयोग से मंजूरी मिलते ही किया जाएगा सूचित : गर्ग
हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से जो मामले आए हैं, उन्हें मंजूरी दी गई है। अन्य मामले पहले की तरह मंजूरी के लिए भारतीय चुनाव आयोग को भेजे गए हैं। आयोग से मंजूरी मिलते ही संबंधित विभागों को सूचित कर दिया जाएगा।
क्या कहते हैं कर्मचारी नेता
पदोन्नति कर्मचारियों का हक, तुरंत मिले मंजूरी : संजीव शर्मा
राज्य सचिवालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा का कहना है कि पदोन्नति कर्मचारियों का हक है। इस मामले को लेकर महासंघ का प्रतिनिधिमंडल राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी से भी मिला था, बावजूद इसके समय से मंजूरी नहीं मिल पा रही। चुनाव प्रकिया खत्म होने में अभी एक महीने से अधिक का समय बचा है। पदोन्नति के मामलों को तुरंत मंजूरी दी जानी चाहिए।
प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एसएस जोगटा का कहना है कि कर्मचारियों की पदोन्नति एक सामान्य प्रक्रिया है। नई योजनाएं चुनाव आचार संहिता के दायरे में आती हैं। आचार संहिता के दौरान अगर कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी गई तो उनकी वरिष्ठता और वेतन वृद्धि प्रभावित होगी। कर्मचारी हित में चुनाव आयोग को इसे लेकर तुरंत फैसला लेना चाहिए।
पदोन्नति के मामलों को मंंजूरी दे चुनाव आयोग : बादल
हिमाचल प्रदेश वन विभाग कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश बादल का कहना है कि पदोन्नति को लेकर मंजूरी न मिलने से उन कर्मचारियों को बड़ा नुकसान होगा, जो 30 अप्रैल और 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हमारा चुनाव आयोग से आग्रह है कि उनके पास लंबित पदोन्नति के मामलों को यथाशीघ्र मंजूरी दी जाए।