कपालमोचन मेला : सात करोड़ के बर्तन कारोबार की आस
कपालमोचन मेला : सात करोड़ के बर्तन कारोबार की आस
जगाधरी
। धनतेरस व दिवाली के बाद जगाधरी के बर्तन कपालमोचन मेले में चमक बिखेरने को तैयार हैं। जगाधरी व मानकपुर की बर्तन फैक्ट्रियों से लेकर दुकानों पर चहल-पहल शुरू हो गई है।
दुकानदार नए ऑर्डर देने के साथ जो बर्तन दिवाली पर बिक नहीं पाए, उन्हें मेले में निकालने की तैयारी में हैं।
कारोबारियों व दुकानदारों को मेले के पांच दिनों में सात करोड़ के कारोबार की उम्मीद है।
कपालमोचन मेले से बर्तन खरीद कर ले जाने की दशकों पुरानी परंपरा है। मेले में आने वाले पंजाब सहित अन्य प्रदेशों के लाखों श्रद्धालु बर्तन खरीद कर ले जाते हैं। हर साल पांच दिन के मेले में पांच से सात लाख श्रद्धालु आते हैं, जिनमें ज्यादातर परिवार मेला स्थल पर लगी स्टॉल व दुकानों पर मेले के सभी पांच दिन और मेले के आखिरी दिन जगाधरी में दुकानों, स्टॉल व फड़ियों से बर्तन खरीदते हैं।
हर साल मेले में पांच से सात करोड़ के बर्तनों का कारोबार होता है। इस बार भी 11 से 15 नवंबर तक लगने वाले कपालमोचन मेले से कारोबारियों व दुकानदारों को सात करोड़ के कारोबार की उम्मीद है। करीब 150 साल पहले जगाधरी में हाथ से बर्तन बनाने का काम शुरू हुआ था। धीरे-धीरे व्यापार में तरक्की हुई और बड़ी इंडस्ट्री स्थापित हो गई।
पहले यहां बने पीतल फिर स्टील व अन्य धातुओं के बर्तनों की चमक देश विदेश में होने लगी, जिस पर जगाधरी का नाम मेटल व बर्तन नगरी पड़ गया। पुराना जगाधरी 392 एकड़ में फैला है। जहां करीब एक हजार बर्तन उद्योग की छोटी-बड़ी इकाइयां हैं। बहुत से लोगों ने घर में ही लघु उद्योग लगा रखा है।
इसके बाद सरकार के मानकपुर में बनाए औद्योगिक क्षेत्र में भी बर्तन उद्योग की इकाइयां लग गईं। जगाधरी में 300 से ज्यादा बर्तनों की दुकानें हैं। मेले के आखिरी दिन सोमवार को जगाधरी शहर के अलावा साथ लगते एनएच-73ए जगाधरी-पांवटा पर सनातन धर्म (मटका) चौक से जगाधरी बस स्टैंड तक दोनों ओर बर्तनों की फड़ियाें पर श्रद्धालुओं ने बर्तन खरीदते हैं।
बर्तन बनाने का काम तेज : अनिल
बर्तन व्यापारी अनिल अरोड़ा ने कहा कि गत वर्षों में कोरोना के चलते कारोबार प्रभावित रहा, पर इस बार धनतेरस व दिवाली सहित अन्य त्योहारों पर उम्मीद मुताबिक ही बर्तनों की बिक्री हुई। अब कपालमोचन मेले से भी करीब सात करोड़ के कारोबार की उम्मीद है। मेला एक हफ्ते बाद है। फैक्ट्रियों में बर्तन बनाने का काम तेज है। साथ ही दुकाने सजाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
बर्तन व्यापारी अनिल अरोड़ा ने कहा कि गत वर्षों में कोरोना के चलते कारोबार प्रभावित रहा, पर इस बार धनतेरस व दिवाली सहित अन्य त्योहारों पर उम्मीद मुताबिक ही बर्तनों की बिक्री हुई। अब कपालमोचन मेले से भी करीब सात करोड़ के कारोबार की उम्मीद है। मेला एक हफ्ते बाद है। फैक्ट्रियों में बर्तन बनाने का काम तेज है। साथ ही दुकाने सजाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
ऑर्डर किए जा रहे पूरे : बतरा
दी जगाधरी मेटल मैन्युफैक्चरर्स एंड सप्लायर्स एसोसिएशन के महासचिव सुंदर लाल बतरा ने कहा कि दिवाली के बाद छुट्टियों के चलते दो दिन बंद रहने के बाद बर्तन फैक्ट्रियों में दोबारा काम चालू हो गया है। यहां मेले के लिए बर्तनों के मिले ऑर्डर पूरे किए जा रहे हैं। दो दिन में बर्तनों की आपूर्ति कर दी जाएगी। इस पर मेले में करोड़ों रुपये का बर्तन कारोबार होने की उम्मीद है।
दी जगाधरी मेटल मैन्युफैक्चरर्स एंड सप्लायर्स एसोसिएशन के महासचिव सुंदर लाल बतरा ने कहा कि दिवाली के बाद छुट्टियों के चलते दो दिन बंद रहने के बाद बर्तन फैक्ट्रियों में दोबारा काम चालू हो गया है। यहां मेले के लिए बर्तनों के मिले ऑर्डर पूरे किए जा रहे हैं। दो दिन में बर्तनों की आपूर्ति कर दी जाएगी। इस पर मेले में करोड़ों रुपये का बर्तन कारोबार होने की उम्मीद है।