अब घर बैठे होगी जमीन की रजिस्ट्री, इंतकाल

नकल करने पर 10 साल कैद, कराने वाले को एक करोड़ जुर्माना
अब घर बैठे होगी जमीन की रजिस्ट्री, इंतकाल, लोगों को कार्यालयों में भटकना नहीं पड़ेगा

सदन में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के लोगों को पटवारियों और राजस्व कार्यालयों में भटकना नहीं पड़ेगा। लोग घर बैठे जमीन की रजिस्ट्री करा सकेंगे। इंतकाल भी घर बैठे होगा। माई डीड से पंजीकरण की सुविधा दी है। अगर इंटरनेट बाधित होता है तो इसे लेकर सेटेलाइट सेवाओं की भी मदद ली जाएगी। रजिस्ट्रीकरण ऑनलाइन और पेपरलेस होगा। इसमें डिजिटल हस्ताक्षर के उपयोग और वीडियो कान्फ्रेंसिंग से भी काम को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि पंचायतों को पहले दो हजार रुपये तक के व्यय के मामलों की सुनवाई का अधिकार था। इसे 25 हजार रुपये तक मामलों की अधिकार दे दिए जाएंगे। ग्रामीण विकास और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया। हर्षवर्धन ने कहा कि विधेयक में प्रावधान है कि जिन लोगों के 2-2 ग्राम सभा की कमेटी में नाम दर्ज हैं, उनको एक ही जगह किए जाने का प्रावधान है। निदेशक को ग्राम सभा को बुलाने का अधिकार दिया है। विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।
नकल करने पर 10 साल कैद, कराने वाले को एक करोड़ जुर्माना
हिमाचल में भर्ती परीक्षा में नकल करने वालों पर 10 साल तक की सजा होगी। इसमें एक करोड़ रुपये जुर्माने तक का प्रावधान भी है। विधानसभा में हिमाचल प्रदेश लोक परीक्षा विधेयक 2025 को मंजूरी दी गई। इसमें प्रावधान है कि यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी नकल कराते पकड़ा जाता है तो उस पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना होगा और उससे परीक्षा का खर्च भी वसूला जा सकता है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भर्ती परीक्षा में नकल रोकना है। नकल कराने वाले दोषियों को 3 से 5 साल तक की सजा होगी। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग किया गया।
राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने और कर प्रशासन में सुधार के लिए विधानसभा में हिमाचल प्रदेश कराधान (सड़क से ले जाए जाने वाले कतिपय माल पर) संशोधन विधेयक 2025 पारित किया। यह विधेयक वर्ष 1999 के मूल अधिनियम में संशोधन पर आधारित है।
मुख्य अधिनियम में धारा 11ए जोड़ी गई है। इसके तहत सरकार को कर, जुर्माना और ब्याज सहित लंबित बकाया के निपटान के लिए विशेष योजना अधिसूचित करने का अधिकार मिलेगा। दावा किया गया है कि इससे विवादों का समाधान होगा और मुकदमेबाजी या प्रशासनिक बाधाओं में फंसे बकाया की वसूली में तेजी आएगी।
विधानसभा में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अब तक सरकार हर साल कुछ वस्तुओं पर कर बढ़ाती थी, लेकिन इस संशोधन से एकमुश्त कर दर में 50 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी की जा सकेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार कोई भी जनविरोधी फैसला नहीं लेगी और उपभोक्ताओं को नुकसान नहीं होगा।
भाजपा ने जताई आपत्ति
भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने विधेयक पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे कार्यपालिका (एग्जीक्यूटिव) को असीमित शक्तियां मिल जाएंगी। वस्तुओं पर मनमाने ढंग से कर लगाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि कर वृद्धि पर अपर कैपिंग होनी चाहिए, ताकि एमआरपी का महत्व खत्म न हो।
धारा 15 में बदलाव
विधेयक में धारा 15 का पहला प्रावधान हटा दिया है, जो सरकार को एक बार में 50 प्रतिशत से अधिक कर वृद्धि करने से रोकता था। अब सरकार को वित्तीय आवश्यकताओं के अनुसार कर दरों में संशोधन करने का अधिक लचीलापन मिलेगा।