Dehradun: सुगंधित होने से दुनिया के तमाम देशों में बढ़ी इस पेड़ की मांग
Dehradun: सुगंधित होने से दुनिया के तमाम देशों में बढ़ी इस पेड़ की मांग, उत्तराखंड में भी जल्द बिखेरेगा अपनी खुशबू
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भारत समेत चीन, कंबोडिया, सिंगापुर, मलक्का, मालदीव, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, सुमात्रा समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में अगरवुड का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। जहां तक देश का सवाल है, तो अगरवुड त्रिपुरा का राज्य वृक्ष होने के साथ ही नागालैंड, आसाम, मणिपुर और केरल जैसे राज्यों में इसका उत्पादन हो रहा है।
राज्य वन अनुसंधान शाखा के वनस्पति विज्ञानियों की कोशिश अगर सफल रही, तो त्रिपुरा का राज्य वृक्ष अगरवुड उत्तराखंड में भी अपनी खुशबू बिखेरेगा। उत्तराखंड में अगरवुड की बड़े पैमाने पर खेती कर किसानों की आर्थिकी सुधारने के साथ ही सुगंधित उत्पादों मसलन इत्र, अगरबत्ती के उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके इसके लिए वन अनुसंधान शाखा की ओर से अगरवुड के पौधों को लाकर हल्द्वानी में नर्सरी तैयार की गई है।
वन अनुसंधान शाखा के निदेशक एवं मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि त्रिपुरा के राज्यवृक्ष का उत्तराखंड में भी उत्पादन किया जा सके, इसके लिए प्रयोग के तौर पर अगरवुड की नर्सरी तैयार की जा रही है। फिलहाल यह प्रयोग सफल रहा है। चतुर्वेदी ने बताया कि अगरवुड से बेहद सुगंधित राल निकलती है, जिसका उपयोग सुगंधित इत्र और अगरबत्ती बनाने के काम आता है।
जहां तक अगर अगरवुड के उत्पादन का सवाल है, तो भारत समेत चीन, कंबोडिया, सिंगापुर, मलक्का, मालदीव, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, सुमात्रा समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में अगरवुड का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। जहां तक देश का सवाल है, तो अगरवुड त्रिपुरा का राज्य वृक्ष होने के साथ ही नागालैंड, आसाम, मणिपुर और केरल जैसे राज्यों में इसका उत्पादन हो रहा है। त्रिपुरा में तो राज्य सरकार की ओर से इसे राज्यवृक्ष घोषित करने के साथ ही इसके संरक्षण एवं उत्पादन को बढ़ावा देने को लेकर विधिवत नीति भी लागू की गई है।