डीजल:पहिया जाम की स्थिति में पहुंचा ट्रांसपोर्ट व्यवसाय
पहिया जाम की स्थिति में पहुंचा ट्रांसपोर्ट व्यवसाय
खेती की जुताई को ट्रैक्टर के पहिये भी जाम, भटक रहे किसान
देशआदेश
पांवटा साहिब: ईंधन संकट के बीच औद्योगिक क्षेत्र पांवटा साहिब, कालाअंब, बीबीएन, नालागढ़, सतौन में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर भी असर पड़ने लगा है। माल की ढुलाई में लगे हजारों वाहनों की रोजाना आवाजाही अब धीमी पड़ गई है। वहीं खेती की जुताई की तैयारी में लगे ट्रैक्टर भी बिना ईंधन के खड़े हो गए है।
औद्योगिक इकाइयों से रोजाना ट्रक, टेंपू और मल्टीएक्सल वाहनों के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों में माल की आपूर्ति करते हैं लेकिन वर्तमान में तेल संकट के चलते पहिया जाम की स्थिति में पहुंच गए हैं।
बीबीएन में इंडियन आयल को छोड़कर अन्य पंप तीन-चार घंटे में ड्राई हो रहे हैं। इससे वाहन चालक परेशान हैं। बीबीएन में करीब 70 पेट्रोल पंप हैं। इनमें इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, रिलायंस और नयारा कंपनी के पंप शामिल हैं। वर्तमान में इंडियन ऑयल के पंपों में पेट्रोल और डीजल की कोई कमी नहीं हैं, लेकिन अन्य कंपनियों के पंपों में दिकक्त पेश आ रही है।
उधार डीजल न मिलने से ट्रक चालक परेशान हैं, क्योंकि यहां पर ज्यादातर ट्रक चालकों का पंपों पर उधार चलता है। जब बाहरी राज्यों में सप्लाई देकर लौटते हैं तो डीजल के पैसे चुकाते हैं।
पांवटा साहिब, कालाअंब, बीबीएन, नालागढ़ में बताया जा रहा है कि तेल संकट के चलते बहुत कम गाड़ियों की ही आवाजाही हो रही है। तेल संकट से एक ओर जहां पंप मालिकों की नींद हराम हो गई है, वहीं किसानों के ट्रैक्टर, ट्रक ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर भी काफी चिंतित हैं।
कालाअंब की बात करे तो वहां 70 फीसदी स्थानीय ट्रक ऑपरेटरों ने अपने वाहन खड़े कर दिए हैं। कालाअंब से रूटीन में रोजाना 300 मालवाहक वाहन आवाजाही करते थे लेकिन अब ये संख्या घटकर मात्र 50 से 60 ही रह गई है। तेल संकट से पूर्णतया पहिया जाम की स्थिति पैदा हो गई है। व्यवसाय चौपट होने लगा है। सरकार से जल्द इस दिशा में कोई कारगर कदम उठाने होंगे।