Dec 3, 2024
HIMACHAL

हिमाचल प्रदेश के चुनावी कार्यक्रम का एलान, 12 नवंबर को मतदान, 8 दिसंबर को नतीजे

Election Commission PC Live: हिमाचल प्रदेश के चुनावी कार्यक्रम का एलान, 12 नवंबर को मतदान, 8 दिसंबर को नतीजे

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खास बातें

चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिमाचल प्रदेश के चुनावी कार्यक्रम का एलान कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हिमाचल में 55 लाख मतदाता 12 नवंबर को मतदान करेंगे। इसके बाद 8 दिसंबर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।

क्या है हिमाचल प्रदेश के चुनाव का पूरा शेड्यूल?

चुनाव आयोग ने बताया कि 17 अक्तूबर को गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। वहीं, नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्तूबर है। नामांकन की जांच 27 अक्तूबर तक जारी रहेगी। उम्मीदवार 29 अक्तूबर तक अपना नाम वापस ले सकेंगे। 12 नवंबर को हिमाचल में एक ही चरण में मतदान हो जाएगा। इसके बाद 8 दिसंबर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित कर देंगे। राज्य में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि 10 दिसंबर है।

चुनाव आयोग ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में 55 लाख वोटर हैं। इनमें 27 लाख 80 हजार पुरुष और 27 लाख 27 हजार महिलाएं हिस्सा लेंगी। चुनाव में शामिल सेवा कर्मियों की संख्या 67 हजार 532 होगी। इसके अलावा PWD 56,001 होगी। इसके अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के 1.22 लाख मतदाता हैं। इसके साथ ही 1184 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है।

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू

चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा चुनावों के एलान के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बताया कि आगामी चुनावों में हर मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर ही होगा। सभी लोगों को उनके घर से दो किलोमीटर के अंदर ही पोलिंग स्टेशन दिए जाने की कोशिश की गई है।

मुख्यमंत्री पद के चेहरे
भूपेंद्र भाई पटेल: भाजपा के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं। अगर भाजपा  चुनाव जीतने में कामयाब होती है, तो भूपेंद्र भाई पटेल को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। 2017 में भी ऐसा ही हुआ था। चुनाव से 15 महीने पहले विजय रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव हुए थे और पार्टी ने जीतने के बाद उन्हें फिर से सीएम बनाया गया था।जगदीश भाई मोतीजी ठाकोर : गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। जगदीश भाई भी कांग्रेस की तरफ से सीएम पद की रेस में हैं। हालांकि, अभी पार्टी ने किसी भी नाम का एलान नहीं किया है। जगदीश भाई के अलावा कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल, जिग्नेश मेवानी व कुछ अन्य नेता भी इस दौड़ में हैं।

गोपाल इटालिया : आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया भी सीएम पद की रेस में हैं। अगर आम आदमी पार्टी को जीत मिलती है तो गोपाल इटालिया पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। गोपाल इन दिनों काफी विवादों में हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द का प्रयोग किया था। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।

क्या हैं दोनों राज्यों के मुद्दे?

दोनों राज्यों के लिए कुछ मुद्दे कॉमन हैं, जिसे लगातार विपक्षी दल उठा रहे हैं। पहला मुद्दा किसानों का है। विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए जोरशोर से ये मुद्दा उठाया है। आरोप है कि मौजूदा केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। इसके चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर किसान बर्बाद हो गए। विपक्ष का आरोप है कि सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर देती है, लेकिन किसानों का नहीं। इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा भी दोनों राज्यों में विपक्ष उठा रहा है। वहीं, सत्तापक्ष विकास का मुद्दा उठा रहा है।

गुजरात-हिमाचल प्रदेश में कितने चरण में हुए थे चुनाव?

गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है। पिछली बार हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को एक ही चरण में चुनाव हुआ था, जबकि गुजरात में नौ और 14 दिसंबर को दो चरणों में वोटिंग हुई थी। 18 दिसंबर को दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे आए थे।

हिमाचल प्रदेश में क्या है सीटों का गणित?

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 सीटें हैं। 2017 में इतनी ही सीटों पर चुनाव हुए थे। तब राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थीं, जबकि तीन सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थीं। राज्य में 48 विधानसभा सीटें सामान्य वर्ग के लिए थीं। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 44, कांग्रेस ने 21 और अन्य ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी।

गुजरात में क्या था पिछले चुनाव का गणित?

गुजरात में कुल 182 सीटें हैं। इनमें 40 सीटें आरक्षित हैं। 13 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए रिजर्व हैं। पिछले विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो भाजपा को 99 सीटें मिली थीं, वहीं कांग्रेस के खाते में 77 सीटें आई थीं। दो सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) और एक सीट एनसीपी को मिली थी। बाकी तीन सीटों में निर्दलीय जीते थे।

गुजरात में क्या था पिछले चुनाव का गणित?

गुजरात में कुल 182 सीटें हैं। इनमें 40 सीटें आरक्षित हैं। 13 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए रिजर्व हैं। पिछले विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो भाजपा को 99 सीटें मिली थीं, वहीं कांग्रेस के खाते में 77 सीटें आई थीं। दो सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) और एक सीट एनसीपी को मिली थी। बाकी तीन सीटों में निर्दलीय जीते थे।

निर्वाचन आयोग ने हाल ही में चुनाव संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए हाल ही में दोनों राज्यों का दौरा किया था। इसी के बाद से माना जा रहा था कि जल्द ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है।

Election Commission PC Live:

चुनाव आयोग आज दोपहर तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। माना जा रहा है कि आयोग इस दौरान गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान करेगा। आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित की जाएगी।

गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को खत्म हो रहा है। 182 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 111 विधायक भाजपा के हैं, जबकि कांग्रेस के पास 62 विधायक हैं।

दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को खत्म होगा। 68 सीटों वाली इस विधानसभा में भाजपा के पास 45 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 20 एमएलए हैं।