Nov 22, 2024
CRIME/ACCIDENT

Fake Medicines Case:  कंपनी को प्रदूषण बोर्ड ने भेजा नोटिस

Fake Medicines Case:  कंपनी को प्रदूषण बोर्ड ने भेजा नोटिस, सात दिन में मांगा जवाब

न्यूज देशआदेश

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिना एनओसी बद्दी में नकली दवा बनाने वाली कंपनी को नोटिस जारी किया है। कंपनी से सात दिन में जवाब मांगा है। अगर कंपनी जवाब देने में असमर्थ रहती है तो कार्रवाई की जाएगी।

बद्दी के हनुमान चौक पर ट्रेजल फार्मूलेशन के नाम पर एक दवा कंपनी चल रही थी। कंपनी में मशीनरी लगाकर नकली दवाइयां बनाई जा रही थीं। इन्हें बाहरी राज्यों में भेजा जा रहा था। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति नहीं ली गई थी।

ड्रग विभाग की कार्रवाई के बाद ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पता चला है कि यहां कंपनी भी थी। ड्रग विभाग ने प्रदूषण बोर्ड को भी पत्र लिखा था।

 

उधर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता पवन चौहान ने बताया कि कंपनी को नोटिस जारी कर दिया है।

दूसरी ओर, उद्योग विभाग के उपनिदेशक संजय कंवर ने बताया कि डीआईसी के एक प्लॉट पर पहले दूसरी कंपनी के नाम पर उद्योग चल रहा था। उद्योगपति ने अपने स्तर पर इसे मोहित बंसल और उसके दो अन्य साथियों को बेच दिया था। इसके लिखित में पेपर तैयार नहीं हुए हैं। विभाग को इसका पता नहीं चला और बिजली भी पहले उद्योग के नाम पर ही चल रही थी।

आरोपियों के बयानों की क्रॉस चेक कर रहा ड्रग विभाग
नकली दवाई बनाने वाली कंपनी के आरोपियों से ड्रग विभाग के अफसर लगातार पूछताछ कर रहे हैं। इसे क्रॉस चेक भी साथ-साथ कर रहे हैं। कच्चा माल कहां से लाते थे और कहां सप्लाई करते थे, इस बारे में अभी तक रिमांड के दौरान तीनों आरोपियों ने बताया कि यह आगरा और उसके आसपास के क्षेत्रों में ही दवाओं की सप्लाई करते थे।

उधर, ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह ने बताया कि आरोपियों से लगातार पूछताछ की जा रही है।

बद्दी में बनाईं नकली दवाएं अलीगढ़ में भी बेचीं आरोपी बंसल ने

सोलन के बद्दी में तैयार की गईं नकली दवाओं की खेप मुख्य आरोपी मोहित बंसल ने आगरा के अलावा अलीगढ़ की मेडिकल एजेंसी को भी बेची है। राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण की जांच में यह खुलासा हुआ है।

उधर, हिमाचल में विधानसभा चुनाव के दौरान नाकाबंदी में आरोपी नकली दवाइयों को उत्तर प्रदेश नहीं ले जा पाया। जगह-जगह पुलिस की तैनाती होने से आरोपियों ने दवाओं को स्टोर किया। आचार संहिता के दौरान भी नकली दवाएं बनाने का काम चलता रहा। मतदान के बाद आरोपियों ने नकली दवाओं की सप्लाई शुरू कर दी।

किसी को शक न हो, ऐसे में छोटे वाहन से खेप उत्तर प्रदेश के लिए भेजी गई। मामले में पकड़े गए आरोपी के पास उत्तर प्रदेश होल सेल दवा का लाइसेंस है।

राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण के अधिकारियों को आशंका है कि नकली दवा का कारोबारी कई राज्यों में फैला हो सकता है। इसमें अन्य लोगों के शामिल होने की भी संभावना जताई जा रही है। शुक्रवार को भी प्राधिकरण के अधिकारी इस मामले की जांच करते रहे।

राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया कि नकली दवाओं के मामले की जांच चल रही है।