Nov 21, 2024
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हिमाचल प्रदेश में ट्रक यूनियनों पर लगे प्रतिबंध : चैंबर ऑफ कॉमर्स

 

हिमाचल प्रदेश में ट्रक यूनियनों पर लगे प्रतिबंध : चैंबर ऑफ कॉमर्स

 

पांवटा साहिब ।

हिमाचल प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने और नए उद्योग स्थापित करने को लेकर कुछ कड़े फैसले नई सरकार को लेने होंगे। इससे औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलने पर प्रदेश की आर्थिकी मजबूत होगी। पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर प्रदेश में ट्रक यूनियनों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाए। इसके लिए माल ढुलाई को ओपन मार्केट पॉलिसी को अपनाया जाए।

 

चैंबर ऑफ कॉमर्स पांवटा साहिब इकाई अध्यक्ष सतीश गोयल व उपाध्यक्ष अरुण गोयल ने सोमवार को संयुक्त पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार से यह मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली के दाम अन्य प्रदेशों के मुकाबले ज्यादा वसूले जा रहे हैं। फ्रेट सब्सिडी (परिवहन) नहीं मिल पा रही है। उद्योग कम होते जाने का मुख्य कारण ट्रक यूनियनों की ओर से मनमाना माल भाड़ा वसूलना है।

 

बाहरी राज्यों से कच्चा माल खरीद कर लाया जाता है और तैयार कर माल भी बाहरी प्रदेशों में भेजा जाता है। इसलिए नई प्रदेश सरकार से उम्मीद करते हैं कि प्रदेश में ट्रक यूनियनों पर प्रतिबंध लगा कर उद्योगों को नवजीवन प्रदान करें। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर विशेष पैकेज मिलना जरूरी है। इससे नई इकाईयों को आकर्षित किया जा सकता है।
कहा कि पंजाब व हरियाणा राज्यों की तर्ज पर हिमाचल की नई सरकार सख्त फैसले लें। जिस प्रकार पूर्व पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्रक यूनियनों को प्रतिबंधित कर दिया था। उसी प्रकार प्रदेश की नई सरकार भी प्रदेश में ट्रक यूूनियनों को प्रथम कैबिनेट में प्रतिबंधित कर दें। इसकी मांग चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज पांवटा की तरफ से रखते हैं।

कहा कि ट्रक यूनियनें इस बात के लिए बाध्य न करें कि स्थानीय उद्योगों से उनकी तय मालभाड़ा दरें व उनके ही ट्रकों से ही अपना माल भेजा जाए। प्रदेश में अंबुजा व एसीसी सीमेंट प्लांट बंद होने का कारण भारी मालभाड़ा ही रहा है। पांवटा में भी तभी चार पांच कैल्शियम कोर्बोनेट प्लांट तबाह हो गए, क्योंकि मालभाड़ा अधिक रहने से प्रतिस्पर्धा में कहीं पर भी स्थानीय इकाइयां नहीं टिक पा रहीं थीं। राजस्थान का माल यहां से सस्ता मिल रहा है। पूर्व सरकार के समय बिजली कट प्रमुख समस्याओं में रहा। निजी जनरेटरों से उत्पादन से लागत ज्यादा आती है। नई सरकार को बिजली व परिवहन व्यवस्था को सुधारना ही होगा।