आखिर पूरी हुई प्रदीप चौहान की मनोरथ
जनवरी से शुरू हुई मनोरथ यात्रा 19 मार्च को हुई पूरी
* 251 महिलाओं को मां रेणुका जी के दर्शन करवाने की कामना हुई पूरी*
क्या है प्रदीप चौहान के मन में ?
न्यूज़ देशआदेश
कहते है कि शास्त्रों में कर्मयोग, ज्ञानयोग के अलावा भक्तियोग का भी महत्व है। हमारे देश में मनोरथ मांगने और उनके पूरा होने के लिए प्रयास और कयास लगाए जाते हैं।
जो लोग यह कहते हैं कि देवी-देवता किसी को कुछ नहीं देते। जो कुछ मिलता है, वह अपने पुण्य से ही मिलता है वे कर्म और पुण्य के सिद्धांत के अलावा कुछ नहीं जानते।
आज रविवार को प्रदीप चौहान ने श्रीरेणुका माता जी मंदिर में 29 महिलाओं को दर्शन कराए तथा माथा टेकने का अवसर पाया।
उनका कहना है कि जैसी मेरी मनोरथ थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बने तो मैं रेणुका माता के चरणों में 251 महिलाओं को रेणुका माता जी के दर्शन कराने ले आऊंगा, जो आज पूरा हुआ।
इससे पहले 222 महिलाओ को माता रानी के दर्शन करा चुका था। अपनी कामना पूर्ण होने पर प्रदीप काफी खुशमिजाज नजर आएं।
निश्चित ही व्यक्ति का पुण्य और पुरुषार्थ बलवान है, लेकिन ईश्वर या उसके मन में अपने ईष्ट के प्रति की जा रही भक्ति भी बलवान होती है।
ऐसे भी उदाहण मिल जाएंगे कि संकट अथवा एक अकेलापन में उसके पुण्य काम नहीं आए लेकिन उसकी भक्ति काम आ गई।
दरअसल, हम जीस चीज को चाहते हैं, यदि आपकी चाहत कमजोर या उसके प्रति आपमें विश्वास नहीं है तो वह कभी नहीं मिलेगी। आपकी सोच पर भी यह निर्भर करता है।
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