रेशम व्यवसाय से आजीविका मजबूत कर रही महिलाएं
रेशम व्यवसाय में चांदी कूट रही महिलाएं
कम लागत में लाखों रुपये का मुनाफा कमा कर आजीविका मजबूत कर रही
आदेश शर्मा
रेशम कीट पालन व्यवसाय लोगों की आर्थिकी मजबूत करने में कारगर साबित हो रहा है। जिला सिरमौर के सैंकड़ो लोग इस कारोबार से जुड़कर अपनी आजीविका को मजबूत कर रहे हैं। बहुत कम लागत में ग्रामीण लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं जो अन्य किसानों के लिए भी अग्रणी साबित हो रहा है।
रेशम केंद्र पुरुवाला, डोरियोंवाला, देवीनगर, धौलाकुआं, करौंदे वाली घाटी तथा कटासन केंद्रों से जुड़े 250 व्यवसायी लोगों को 250 औंस बीज उपलब्ध करवाया गया हैं। इसमें अधिकतर गरीब व मध्यम वर्ग की पुरुषों के मुकाबले महिलाएं आजीविका मजबूत कर रही है।
मोहिनी ने बताया कि रेशम कीट पालन से आर्थिकी में सुधार आ रहा है। उन्हें
रेशम फार्म पुरुवाला से रेशम कीट उपलब्ध कराये गए है। जिन्हें खिलाने के लिए फार्म से शहतूत की पत्ती तोड़कर घर ले जाते हैं।
रेखा ने कहा कि 22-25 दिन की मेहनत के बाद इससे लाखों की आमदनी भी हो जाती है। खासबात यह है कि अपने घर में अन्य व्यवसाय के साथ इस कारोबार को आसानी के साथ किया जा सकता है।
संगतों देवी ने बताया कि खासबात यह है कि जीव शहतूत के पत्तों पर अपना पेट पालता है। शहतूत के पत्ते गांवों में प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इसलिए इस व्यवसाय को घर बैठे आसानी से किया जा सकता है।
ओमप्रकाश ने कहा कि
इस बार रेशम व्यवसाय भी बढ़ गया तथा आमदनी भी अच्छी होगी। इसे अपने घर पर 22-25 दिन पालते हैं। 25 दिन में रेशम तैयार हो जाता है, जिसे व्यापारी घर से खरीद कर ले जाते हैं।
मीनू ने कहा कि विभाग की तरफ से कीट पालने वाले लोगों को उचित सामान के साथ-साथ प्रशिक्षण भी दिया जाता है। लोगों ने बताया कि विभाग की तरफ से जालीनुमा स्टैंड, प्लास्टिक का टप, दवाई स्प्रे दिया जाता है।
फूलपुर शमशेरगढ़ पंचायत के गांव बांगरण, शमशेरगढ़ के रेशम कीट पालन में जुटे किसानों राधा किशन, वंश, लवकेश, प्रदीप, संजीव कुमार, मान सिंह ने बताया कि वह कई सालों से रेशम कीट पालन से जुडे़ हैं। इसमें अच्छा मुनाफा है।
उधर, रेशम केंद्र धौलाकुआं डीओ रतन चंद शर्मा ने बताया कि धौलाकुआं के अंतर्गत छह सीड केंद्र आते है। जिसके आसपास लगती 36 ग्राम पंचायतों के 67 गांवों में रेशम सीड बांट कर रोजगार से जोड़े गए है। जिसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक जुड़ी है। 154 महिलाएं तथा 96 पुरुष
मनमाफिक मुनाफा कमा रहे है।
डीओ रतन चंद शर्मा ने कहा कि
इस सीजन में 250 के लगभग महिला-पुरुष परिवारों को 250 औंस रेशम का बीज पास के केंद्रों से बांटा गया है।
उन्होंने कहा कि अभी कोकून का भाव तय नहीं हुआ है, लेकिन पिछले वर्ष 2021-22 में कोकून ड्राई 70 किलोग्राम तथा ग्रीन कोकून 210 किलोग्राम उत्पादन हुआ। लेकिन इस बार रेशम व्यवसाय भी बढ़ गया तथा आमदनी भी अच्छी होगी। कम से कम इस बार डेढ़ क्विटल ड्राई कोकून तथा चार क्विटल ग्रीन कोकून उत्पादन की संभावना बनी हुई है।