Sep 16, 2024
HIMACHAL

केंद्र ने 5,500 करोड़ रुपये घटाई हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा, सुक्खू वित्त मंत्री से उठाएंगे मामला

केंद्र ने 5,500 करोड़ रुपये घटाई हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा, सुक्खू वित्त मंत्री से उठाएंगे मामला

 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह

 

देशआदेश

 

केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की कर्ज लेने की सीमा 5,500 करोड़ रुपये घटा दी। पहले जो 14,500 करोड़ थी, वह अब 9,000 करोड़ रुपये रह गई।

 

नई दिल्ली से शिमला लौटे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से कहा कि वर्ष 2023-24 में प्रदेश की कर्ज लेने की सीमा 14,500 करोड़ रुपये थी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने हुए पांच महीने हुए हैं, मगर केंद्र ने यह कटौती की है।

मंगलवार को सीएम ने कहा है कि अधिकारियों की टीम के साथ वह फिर दिल्ली जा रहे हैं और वहां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट कर यह मामला उठाएंगे।

 

सुक्खू ने कहा कि यही नहीं, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के लिए केंद्र से मैचिंग ग्रांट मिलती थी, वह भी रोक दी गई है। एनपीएस के लिए मार्च में केंद्र से 1,780 करोड़ पेंशन के मिलते थे।

सीएम ने कहा कि राज्य में बिजली की परियोजनाओं पर रॉयल्टी का शेयर 30 से 50 प्रतिशत तक होना चाहिए। पिछली सरकार ने मुफ्त रॉयल्टी आगे 12 साल के लिए खिसका दी।

प्रदेश में पहले ही आर्थिक तंगी है। ऐसे में प्रदेश में बिजली परियोजनाओं के ऋण मुक्त होने की स्थिति में रॉयल्टी को बढ़ाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री से जब कैबिनेट विस्तार पर सवाल किया गया तो वह इसे टाल गए।

वहीं, 

लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।

विक्रमादित्य सिंह ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत की खरगे को बधाई दी। प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मियों से भी विक्रमादित्य सिंह ने खरगे को अवगत कराया। प्रदेश सरकार की ओर से करवाए जा रहे विकास कार्यों की भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जानकारी दी।

 

पार्टी सूत्रों ने बताया कि मुलाकात के दौरान मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं को सरकार में उचित मान-सम्मान देने का मामला भी उठाया।

पार्टी से जुड़े वरिष्ठ और युवा नेताओं के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के बोर्डों और निगमों में नियुक्तियां भी मांगीं।