Nov 21, 2024
HIMACHAL

विद्यार्थियों की अंग्रेजी कमजोर, बारहवीं में 7,748 फेल, मांगा जवाब

HP Board: विद्यार्थियों की अंग्रेजी कमजोर, बारहवीं में 7,748 फेल, उच्च शिक्षा निदेशालय ने मांगा जवाब

हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से बीते दिनों जारी किए गए बारहवीं कक्षा के नतीजों में अंग्रेजी विषय में सबसे अधिक 7,784 विद्यार्थी फेल हुए हैं। अंग्रेजी विषय का परीक्षा परिणाम 80 प्रतिशत रहा है।

 

 

उच्च शिक्षा निदेशालय ने कम परिणाम देने वाले स्कूलों के प्रिंसिपलों से जवाब तलब किया है। गणित का 91, केमिस्ट्री-इतिहास का 92 और फिजिक्स विषय का परिणाम 93 फीसदी रहा, अन्य विषयों में परीक्षा परिणाम 95 से 99 फीसदी के बीच है।

बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणाम में और अधिक सुधार लाने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस वर्ष सामने आई कमियों को दूर करने की कवायद शुरू कर दी है। इसी कड़ी में अपेक्षाकृत कम परिणाम देने वाले स्कूल प्रमुखों से इस संदर्भ में कारण पूछे गए हैं। अंग्रेजी विषय में सबसे अधिक विद्यार्थियों के फेल होने के कारण तलाशने के लिए अलग से भी शिक्षकों की एक टीम बनाने की योजना है। यह टीम पता लगाएगी कि अंग्रेजी विषय में अधिक विद्यार्थियों के पिछड़ने के क्या कारण रहे। अंग्रेजी विषय में कम परिणाम देने वाले स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की स्थिति क्या थी। शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके कैसे रहे। इन बिंदुओं को भी अब जांचने का फैसला लिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि सभी स्कूलों से रिपोर्ट मांगी गई है। जल्द ही आगामी रणनीति तय की जाएगी।

 

जुब्बल-कोटखाई के एक स्कूल में आठ बच्चे फेल, प्रिंसिपल को नोटिस
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई के एक स्कूल में दसवीं कक्षा के कुल दस विद्यार्थियों में से आठ फेल हो गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाबतलब किया है।

 

 

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि बारहवीं कक्षा में किसी भी स्कूल का परीक्षा परिणाम शून्य नहीं रहा है। जिला उपनिदेशकों के माध्यम से सभी स्कूलों से वार्षिक परिणाम को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है।

जो पुल मरम्मत करने लायक होंगे, उन्हें ठीक और जो बिल्कुल खस्ता  उन्हें हटाकर नए का निर्माण किया जाएगा:विक्रमादित्य

हिमाचल प्रदेश में वाहन योग्य पुल कितने मजबूत एवं सुरक्षित हैं, इसका पता लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग पुलों का ऑडिट करवाएगा। सरकार ने विभाग को वाहन योग्य पुलों के ऑडिट के निर्देश दिए हैं।

 

 

ऑडिट रिपोर्ट के बाद जो पुल मरम्मत करने लायक होंगे, उन्हें ठीक किया जाएगा और जो बिल्कुल खस्ता हालत में हैं, उन्हें हटाकर नए का निर्माण किया जाएगा।

 

 

हिमाचल में बीते साल प्राकृतिक आपदा के चलते दो दर्जन पुल बारिश के पानी के साथ बह गए जबकि कइयों को नुकसान पहुंचा है। हिमाचल में कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके चलते सरकार पुलों का ऑडिट कर रही है।

हिमाचल में 3,00 से ज्यादा पुल हैं। इन पर वाहनों की आवाजाही होती है। सरकार ने लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए हैं कि जोन, मंडल या उपमंडल स्तर पर इंजीनियरों की टीमों का गठन कर सभी पुलों का निरीक्षण करेंगे। बाकायदा इसकी रिपोर्ट सरकार को देने को कहा गया है।

 

 

अगर इंजीनियरों को लगा कि पुल ठीक करने योग्य है, ऐसी स्थिति में उसे दुरुस्त करने का प्लान तैयार किया जाएगा। अगर पुलों की दिशा बदली है, उसकी भी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

 

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बीते साल प्राकृतिक आपदा के चलते लोक निर्माण विभाग को 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। नुकसान का मामला केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से उठाया है।

 

 

 

 

 

प्राकृतिक आपदा के चलते पेड़ और चट्टानें नदियों में आ गईं। पानी के बहाव के साथ ये चट्टानें और पेड़ पुलों से भी टकराए होंगे, ऐसे में पुलों का ऑडिट करने के लिए कहा गया है।