Nov 22, 2024
HIMACHAL

कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर

कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर 15 दिन में रिपोर्ट तलब, जानें पूरा मामला

 

हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने राज्य सचिवालय के कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर पंद्रह दिनों के अंदर रिपोर्ट तलब की है। यह कार्रवाई तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की ओर से दिए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर की गई है। राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के पास राजेश धर्माणी की विशेषाधिकार हनन की शिकायत के बाद राज्य सचिवालय प्रशासन के सचिव को इस संबंध में एक चिट्ठी भेजी गई है। इसके साथ धर्माणी की ओर से दिए गए प्रस्ताव की प्रति भी संलग्न की गई है। यह जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी जाएगी, वही इस पर अगला निर्णय लेंगे।

विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को एक पत्र लिखा गया है। इसमें नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री से प्राप्त एक प्रस्ताव पर संजीव शर्मा और अन्य सचिवालय कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों से जवाब मांगा गया है। सचिव ने यह कार्रवाई विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर की है। इस मामले में सचिवलाय प्रशासन से विभागीय जांच-पड़ताल करवाकर इसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट विधानसभा सचिवालय को 15 दिन में भेजने को कहा है। उसके बाद यह विषय विधानसभा अध्यक्ष के ध्यान में लाया जाएगा।
अब 17 को महासभा करेगा सचिवालय सेवाएं महासंघ
उधर, इस कार्रवाई के बाद हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं महासंघ की बैठक वीरवार को अध्यक्ष संजीव शर्मा की अध्यक्षता में हुई। निर्णय लिया गया कि अब आम सभा को महासभा का रूप दिया जाएगा, जो 17 सितंबर को दोपहर 1ः30 बजे हाेगी। सभा ने मात्र अपने हकों की बात की थी, जिसे प्रशासन इस प्रकार के हथकंडों के माध्यम से कुचलना चाहता है। महासचिव कमल कृष्ण शर्मा ने कहा कि सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री तो कर्मचारी हितैषी हैं, किंतु कुछ शरारती तत्व मुख्यमंत्री और कर्मचारियों के बीच दुष्प्रचार करने में लगे हैं, जिस कारण कर्मचारियों के प्रति सरकार उदासीन रवैया अपना रही है। सचिवालय अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने विधानसभा के दौरान पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से काम किया है। विधानसभा की कार्यवाही में कोई रुकावट नहीं आने दी गई।
इसके बावजूद विधानसभा सचिवालय ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय के कर्मचारियों के विरुद्ध जांच करने का फरमान जारी हुआ है। इस तरह की कार्रवाई कर्मचारियों के विरुद्ध पहली बार हुई है। इस कार्रवाई की बैठक में आलोचना की गई तथा कहा गया कि प्रशासन की ओर से इस तरह की कार्रवाई कर्मचारियों के हक की आवाज को दबाने का प्रयास है। सभा ने एकजुट होकर कहा कि वह इस प्रकार की कार्रवाई से पीछे नही हटेंगे और एकजुट होकर अपने हक की लडाई जारी रखेंगे।

अब अफसरों के काम का 1 से 10 तक नंबर देकर होगा मूल्यांकन, कार्मिक विभाग ने लिया फैसला

कार्मिक विभाग की अधिसूचना के अनुसार नई प्रणाली के तहत प्रदर्शन मूल्यांकन सीधे सभी अधिकारियों के कार्य परिणामों से जुड़ा होगा। उत्कृष्ट, बहुत अच्छा, अच्छा और औसत जैसी पारंपरिक वर्णनात्मक श्रेणियों को एक संख्यात्मक ग्रेडिंग स्केल से बदल दिया है। वार्षिक कार्य योजना की उपलब्धियां, अन्य कार्य-संबंधी विशेषताएं और व्यक्तिगत और कार्यात्मक विशेषताएं सुधारों में नकारात्मक अंकन भी शामिल किया गया है। अधिकारियों का मूल्यांकन तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। इसके तहत सरकारी आदेशों या परामर्श का पालन न करने पर अधिकारियों के 1-10 के मापदंड पर अपने समग्र ग्रेड से दो अंक कम होने की भी संभावना हो सकती है। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इससे संचालन सुव्यवस्थित होगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा लागू होगी।