कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर
कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर 15 दिन में रिपोर्ट तलब, जानें पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने राज्य सचिवालय के कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर पंद्रह दिनों के अंदर रिपोर्ट तलब की है। यह कार्रवाई तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की ओर से दिए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर की गई है। राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के पास राजेश धर्माणी की विशेषाधिकार हनन की शिकायत के बाद राज्य सचिवालय प्रशासन के सचिव को इस संबंध में एक चिट्ठी भेजी गई है। इसके साथ धर्माणी की ओर से दिए गए प्रस्ताव की प्रति भी संलग्न की गई है। यह जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी जाएगी, वही इस पर अगला निर्णय लेंगे।
अब 17 को महासभा करेगा सचिवालय सेवाएं महासंघ
उधर, इस कार्रवाई के बाद हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं महासंघ की बैठक वीरवार को अध्यक्ष संजीव शर्मा की अध्यक्षता में हुई। निर्णय लिया गया कि अब आम सभा को महासभा का रूप दिया जाएगा, जो 17 सितंबर को दोपहर 1ः30 बजे हाेगी। सभा ने मात्र अपने हकों की बात की थी, जिसे प्रशासन इस प्रकार के हथकंडों के माध्यम से कुचलना चाहता है। महासचिव कमल कृष्ण शर्मा ने कहा कि सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री तो कर्मचारी हितैषी हैं, किंतु कुछ शरारती तत्व मुख्यमंत्री और कर्मचारियों के बीच दुष्प्रचार करने में लगे हैं, जिस कारण कर्मचारियों के प्रति सरकार उदासीन रवैया अपना रही है। सचिवालय अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने विधानसभा के दौरान पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से काम किया है। विधानसभा की कार्यवाही में कोई रुकावट नहीं आने दी गई।
उधर, इस कार्रवाई के बाद हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं महासंघ की बैठक वीरवार को अध्यक्ष संजीव शर्मा की अध्यक्षता में हुई। निर्णय लिया गया कि अब आम सभा को महासभा का रूप दिया जाएगा, जो 17 सितंबर को दोपहर 1ः30 बजे हाेगी। सभा ने मात्र अपने हकों की बात की थी, जिसे प्रशासन इस प्रकार के हथकंडों के माध्यम से कुचलना चाहता है। महासचिव कमल कृष्ण शर्मा ने कहा कि सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री तो कर्मचारी हितैषी हैं, किंतु कुछ शरारती तत्व मुख्यमंत्री और कर्मचारियों के बीच दुष्प्रचार करने में लगे हैं, जिस कारण कर्मचारियों के प्रति सरकार उदासीन रवैया अपना रही है। सचिवालय अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने विधानसभा के दौरान पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से काम किया है। विधानसभा की कार्यवाही में कोई रुकावट नहीं आने दी गई।
इसके बावजूद विधानसभा सचिवालय ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय के कर्मचारियों के विरुद्ध जांच करने का फरमान जारी हुआ है। इस तरह की कार्रवाई कर्मचारियों के विरुद्ध पहली बार हुई है। इस कार्रवाई की बैठक में आलोचना की गई तथा कहा गया कि प्रशासन की ओर से इस तरह की कार्रवाई कर्मचारियों के हक की आवाज को दबाने का प्रयास है। सभा ने एकजुट होकर कहा कि वह इस प्रकार की कार्रवाई से पीछे नही हटेंगे और एकजुट होकर अपने हक की लडाई जारी रखेंगे।
अब अफसरों के काम का 1 से 10 तक नंबर देकर होगा मूल्यांकन, कार्मिक विभाग ने लिया फैसला
प्रदेश में आईएएस समेत सभी प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अफसरों के कामकाज को अब गुड-वेरी गुड के मानक पर नहीं आंका जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब अधिकारियों के कामकाज को 1 से 10 तक के नंबरों से आंका जाएगा। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में 1-2 या 9-10 नंबर देने का तर्क भी अनिवार्य कर दिया है। वीरवार को कार्मिक विभाग ने राजपत्र में रिपोर्ट बनाने के नए नियम अधिसूचित कर दिए हैं। अब काम नहीं करने वाले अफसरों की रिपोर्ट में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर ही प्रशासनिक सचिवों, उपायुक्तों और अधिकारियों को कार्यभार मिलेगा। जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अधिकारियों के कार्य परिणामों में बदलाव लाने को सरकार ने नियमों को संशोधित किया है।