Nov 23, 2024
HIMACHAL

सीआईआई के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात, बिजली की दरें घटाने की लगाई गुहार

सीआईआई के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात, बिजली की दरें घटाने की लगाई गुहार

अगर बिजली की बढ़ी दरों से राहत न मिली तो उद्योग हिमाचल से पलायन करने को हो जाएंगे मजबूर ।

देशआदेश

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से हिमाचल में औद्योगिक घरानों को दी जाने वाली बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है।

 

शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सीआईआई के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।

 

मुख्यमंत्री को बताया कि हिमाचल में बिजली पंजाब, हरियाणा से महंगी और उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर के बराबर हो गई है। ट्रांसपोर्टरों की यूनियन बाजी के कारण पहले ही हिमाचल में उद्योगों के लिए काम करना मुश्किल हो रहा है।

 

एक साल में बिजली के दाम 35 से 40 फीसदी तक बढ़ गए है जो सामान्यत: सालाना 5 फीसदी तक बढ़ते थे। अगर बिजली की बढ़ी दरों से राहत न मिली तो उद्योग हिमाचल से पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे।

 

 

पावर सरप्लस स्टेट होने के कारण उद्योग हिमाचल की ओर आकर्षित हुए हैं, महंगी बिजली से यह आकर्षण खत्म हो जाएगा। उद्योगों को मिलने वाली बिजली पर पहले 20 पैसे अतिरिक्त सेस लगाया गया और अब एक रुपये सब्सिडी वापस ले ली गई है।

 

एक अप्रैल 2024 के बाद से अब तक हिमाचल में उद्योगों के लिए बिजली प्रति यूनिट 2.25 रुपये महंगी हो गई है।

 

मुख्यमंत्री ने सीआईआई के प्रतिनिधियों को राहत देने का आश्वासन दिया। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सीआईआई हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मनीलोकेश्वर चौहान, सीआईआई सदस्य सुरेंद्र जैन, आरजी अग्रवाल और अनुराग पुरी भी इस दौरान मौजूद रहे।

 

मुख्यमंत्री ने बिजली की दरों में कटौती का दिया आश्वासन
सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर हिमाचल में बिजली की दरें पड़ोसी राज्यों से महंगी होने से संबंधित मामला उठाया है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि अगर ऐसा हुआ है तो दरों में कटौती की जाएगी- हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री

एक अक्तूबर से लागू होनी है सब्सिडी कटौती
प्रदेश सरकार ने एक अक्तूबर 2024 से 220 केवी और उससे अधिक, 132 केवी और उससे अधिक, 66 केवी और उससे अधिक, एचटी-1 (अनुबंध मांग 1 एमवीएम तक) और एमटी-2 (1 एमवीएम से ऊपर अनुबंध मांग) बिजली खपत के लिए प्रदेश सरकार ने 1 रुपये प्रति यूनिट अतिरिक्त सब्सिडी वापस लेने का फैसला लागू किया है।

थम नहीं रह मस्जिद विवाद, नगरोटा में प्रदर्शन, दुकान का बैनर फाड़ा, आपत्तिजनक शब्द लिखा

 

हिमाचल प्रदेश में मस्जिदों में अवैध निर्माण का विरोध थम नहीं रहा है। शुक्रवार को धर्मशाला, नगरोटा बगवां में सनातन एकता सभा, लोक सेवा समिति, हिंदू व्यापार मंडल और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया।

नगरोटा में उग्र हुए प्रदर्शनकारियों ने विशेष समुदाय की एक दुकान का बैनर फाड़ने के बाद शटर पर आपत्तिजनक शब्द लिख दिया और दुकान पर पथराव का प्रयास भी हुआ, लेकिन पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया।

 

नगरोटा शहर में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान तैनात रहे।

 

 

उधर, जिला मुख्यालय धर्मशाला के कोतवाली बाजार में कारोबारी दुकानें बंद कर सड़कों पर उतर आए। दोपहर 12 बजे तक दुकानें बंद रखीं।

 

कारोबारियों ने रैली निकाली और हिंदू-हिंदू भाई-भाई के नारे लगाए। कोतवाली बाजार के व्यापार मंडल सहित अन्य समितियों और समाजसेवी संगठनों ने फव्वारा चौक पर पांच बार हनुमान चालीसा का पाठ किया।

 

नगरोटा में भी नारेबाजी के बाद पुराना बस अड्डा और गांधी मैदान स्थल पर बैठकर सभी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। यहां स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन के दौरान समुदाय विशेष के लोगों को किराये पर दुकानें और मकान देने का भी विरोध किया।

 

 

इस दौरान पूर्व विधायक अरुण कुमार कूका, भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष विनय चौधरी, भाजपा मंडल अध्यक्ष सोनू चौधरी उपस्थित रहे।