सेब मामला: राकेश टिकैत ने नहीं खोले हिमाचल में अपनी रणनीति के पत्ते, परेशानी में सरकार
सेब मामला: राकेश टिकैत ने नहीं खोले हिमाचल में अपनी रणनीति के पत्ते, परेशानी में सरकार
शिमला से लौटते हुए विशेष बातचीत के दौरान टिकैत ने हरियाणवी में इतना जरूर कहा कि ‘पहाड़न के किसान घणे परेशान हैं, इब आड़े आणा जाणा लग्या रहेगा।’
न्यूज़ देश आदेश, शिमला
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को हिमाचल में किसान आंदोलन की अपनी रणनीति के पत्ते नहीं खोले। शिमला में प्रेस वार्ता में टिकैत अपने मिशन हिमाचल को लेकर पूछे सवालों से कन्नी काटते रहे।
टिकैत के शिमला पहुंचने से पहले ही सरकार की गुप्तचर एजेंसियां भी सक्रिय हो गईं और उनके प्लान हिमाचल की टोह लगाने का प्रयास करती रहीं। पत्रकार वार्ता के बाद सीआईडी कर्मी पद्मदेव परिसर के टैरेस पर पत्रकारों से भी टिकैत के अगले संभावित प्लान पर सवाल पूछते नजर आए।
हालांकि शिमला से लौटते हुए विशेष बातचीत के दौरान टिकैत ने हरियाणवी में इतना जरूर कहा कि ‘पहाड़न के किसान घणे परेशान हैं, इब आड़े आणा जाणा लग्या रहेगा।’ शनिवार दोपहर 2:35 बजे राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ रिज मैदान पर पहुंचे।
इससे पहले करीब 11:30 बजे से ही सीआईडी और अन्य गुप्तचर एजेंसियों के कर्मी रिज पर टहलने शुरू हो गए थे। वर्दीधारी पुलिस कर्मियों और क्यूआरटी के बंदूकधारी कमांडो यहां छावनी की तरह बिछ गए।
सदर थाना प्रभारी ने क्यूआरटी के साथ पौने बारह बजे रिज पर मोर्चा संभाला। टिकैत ने अपने लाइन ऑफ एक्शन को सार्वजनिक नहीं किया, बस इतना कहा कि वह किसान को बरबादी से बचाने के लिए आए हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि बागवानों को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। हो सकता है, एक फसल की कुर्बानी भी देनी पड़े।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार आगामी उपचुनावों और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले टिकैत का हिमाचल में दखल सरकार की परेशानी बढ़ा सकता है।
टिकैत की यह हुंकार सेब बहुल क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई में होने वाले उपचुनाव से पहले सरकार को ज्यादा चिंतित कर सकती है। इससे पहले तीन बार टिकैत हिमाचल आए हैं, लेकिन इतनी आक्रामकता से कभी पेश नहीं आए, क्योंकि हिमाचल से संबंधित ऐसा ज्वलंत मुद्दा उनके हाथ पहली बार तब आया है, जब मंडियों में सेब कौड़ियों के भाव बिक रहा है और अडानी ने यहां सेब के रेट गिराए हैं
Originally posted 2021-08-29 00:10:09.