Sep 16, 2024
HIMACHAL

MLAs Priority Meetings: 9990 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना प्रस्तावित:CM

MLAs Priority Meetings: सीएम सुक्खू बोले-वर्ष 2024-25 के लिए 9990 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना प्रस्तावित

पहले दिन के पहले सत्र में जिला  सिरमौर समेत तीन जिलों के विधायकों की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई।

MLAs Priority Meetings: CM Sukhu said – Annual plan of Rs 9990 crore proposed for the year 2024-25
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधायक प्राथमिकता की बैठक की अध्यक्षता की। – फोटो : देशआदेश

विस्तार

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को वर्ष 2024-25 के लिए विधायकों की प्राथमिकताएं निर्धारित करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।

पहले दिन के पहले सत्र में जिला ऊना, हमीरपुर तथा सिरमौर के विधायकों की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से वार्षिक योजना 2024-25 का आकार 9989.49 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है।

सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी चार वर्षों में हिमाचल को आत्मनिर्भर तथा 10 वर्षों में देश के सबसे समृद्ध राज्यों में शामिल करने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है।

इस बैठक में होने वाली चर्चा से हमें प्रदेश में विकास की दिशा तय करने के लिए बहुमूल्य सुझाव प्राप्त होंगे। वर्तमान सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों तथा समाज के सभी वर्गों के तीव्र व  संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य से कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र को राज्य सरकार ने नीतिगत दस्तावेज के रूप में अपनाया है तथा इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दृढ़ता से कार्य कर रही है।

विश्व बैंक के साथ किया 2,000 करोड़ का समझौता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।

हाल ही में विश्व बैंक के साथ 2,000 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया गया है। इससे अगले पांच वर्षों में जलविद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश में कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विधायकों की प्राथमिकताओं को सामान्यतः नाबार्ड संचालित आरआईडीएफ कार्यक्रम से वित्त पोषित किया जाता है। वर्ष 2023-24 के दौरान नाबार्ड से 918.81 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं जिसमें लोक निर्माण विभाग की 62 व जल शक्ति विभाग की 93 विधायक प्राथमिकताएं स्वीकृत करवाई जा चुकी हैं। मार्च माह तक नाबार्ड से और अधिक विधायक प्राथमिकताओं को स्वीकृत करवाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग एवं जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि नाबार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट परिव्यय का पूर्ण उपयोग करें और नाबार्ड कार्यालय में प्रतिपूर्ति दावे 15 मार्च, 2024 से पहले जमा करें।
 एफसीए, एफआरए तथा गिफ्ट डीड का समयबद्ध निराकरण करें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विधायकों द्वारा उठाई गई समस्याओं एवं शिकायतों को निपटाने में किसी प्रकार की कोताही न बरतें तथा उनके बहुमूल्य सुझावों को उचित अधिमान दें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधायकों द्वारा दी गई योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के बनने में होने वाले विलंब को कम करने के लिए एफसीए, एफआरए तथा गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं का समयबद्ध निराकरण करें।
उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग और उपायुक्त भी अपने स्तर पर हर माह प्राथमिकताओं की समीक्षा करें और इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाए।

ई-टैक्सी के लिए पोर्टल तैयार कर पंजीकरण शुरू
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जन कल्याण के लिए ईमानदारी से कार्य कर रही है, जहां महिलाओं, युवाओं, किसानों और कर्मचारियों सहित समाज के सभी वर्गों को उचित सम्मान मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार परिपाटी से हटकर योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से कार्य कर रही है। पिछले एक वर्ष में सरकार ने तीन गारंटियां पूरी कर दी हैं। पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू की गई।
रोजगार सृजन के दृष्टिगत 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण में ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है।
इस योजना के तहत राज्य सरकार युवाओं को ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान कर रही है।
ई-टैक्सी से कार्बन उत्सर्जन कम होगा तथा युवाओं को एक निश्चित आय प्रदान करने के लिए सभी सरकारी कार्यालयों में ई-टैक्सियों को अनुंबध आधार पर संचालित किया जाएगा। इसके लिए पोर्टल तैयार कर पंजीकरण शुरू कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा श्रमिकों की दिहाड़ी 212 से बढ़ाकर 240 रुपये की गई है। राज्य सरकार ने 4,000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ के रूप में अपनाया है।
उनके कल्याण के लिए कानून बनाया और मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष की स्थापना कर मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की गई।
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दूध के खरीद मूल्य में 6 रुपये की बढ़ोतरी की है। कहा कि पिछले मानसून के दौरान राज्य को इतिहास की सबसे बड़ी आपदा का सामना करना पड़ा।
केंद्र सरकार से कोई भी विशेष राहत पैकेज नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के साथ प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज का प्रावधान किया। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है।
जिला सिरमौर में विधायकों की प्राथमिकताएं
पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की विधायक रीना कश्यप ने क्षेत्र में जल शक्ति मंडल खोलने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिरगुल तथा भूरेश्वर मंदिर के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करने की मांग की। उन्होंने सराहां-चंडीगढ़ सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र बनाने की मांग की।
 नाहन विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय सोलंकी ने क्षेत्र के विकास के लिए 30 करोड़ रुपये की घोषणाएं करने के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने डॉ. यशवंत सिंह परमार चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा नर्सों के पदों को भरने की मांग की। उन्होंने भूमिहीनों को गृह निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने की मांग की।
पांवटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि यमुना नदी की हिमाचल की सीमा तय करने की मांग की, ताकि वहां पर अवैध खनन को रोका जा सके। उन्होंने क्षेत्र के किसानों को टयूबवेल चलाने के लिए बिजली के लंबित कनेक्शन शीघ्र प्रदान करने की मांग की और पांवटा साहिब में पार्किंग की समस्या का समाधान करने का भी आग्रह किया। 
बैठक में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, योजना सलाहकार डॉ. बसु सूद, प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष, उपायुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।