Oct 18, 2024
HIMACHAL

CAG Report: हिमाचल सरकार ने बिना बजट प्रावधान के खर्च किए 623.40

CAG Report: हिमाचल सरकार ने बिना बजट प्रावधान के खर्च किए 623.40, 1796 उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं किए जमा

न्यूज़ देशआदेश

 

हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक(कैग) के प्रतिवेदन(वर्ष 2021-2022) को विधानसभा सदन के पटल पर रखा। रिपोर्ट में वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सरकार के बजट दस्तावेजों की समीक्षा में बजट प्रावधानों में कई विसंगतियों को दर्शाया गया है। कैग ने की रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 के दौरान राज्य सरकार ने विस्तृत अनुमानों के बिना किसी बजट प्रावधान के 12 अनुदानों में 18 प्रमुख शीर्षो के तहत 623.40 करोड़ का खर्च किया। कैग ने कड़ी टिप्पणी करते हुए रिपोर्ट में कहा, संविधान के अनुच्छेद 204 के प्रावधानों के अनुसार पारित कानून में किए गए विनियोग के अलावा राज्य की संचित निधि से कोई पैसा नहीं निकाला जाएगा। इसके अलावा किसी योजना, सेवा पर पुनर्विनियोग से अतिरिक्त धनराशि प्राप्त करने के बाद या अनुपूरक अनुदान या विनियोग या राज्य की आकस्मिकता निधि से अग्रिम से बिना निधि के प्रावधान के व्यय नहीं किया जाना चाहिए। इसके बावजूद 2021-22 के दौरान राज्य सरकार ने विस्तृत अनुमानों के बिना किसी बजट प्रावधान के 12 अनुदानों में 18 प्रमुख शीर्षों के तहत 623.40 करोड़ का खर्च किया।

हिमाचल में 5.84 फीसदी पहुंचा राजकोषीय घाटा
कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सरकार का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 5.84 फीसदी तक पहुंच गया है। राजकोषीय घाटे की पूर्ति सरकार कर्ज लेकर करती है। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल की राजस्व प्राप्तियां 37110.67 करोड़ रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने 7,87,379 रुपये खर्च के व्यय प्रमाण पेश नहीं किए। नतीजतन, कैग ने इस राशि को सस्पेंस अकाउंट में रखा है। वित्त वर्ष 2019-20 में 1,37,37,681 की गैर राशि का प्रमाण भी सरकार प्रस्तुत नहीं कर सकी। साथ ही 1, 5,2876 के राजस्व खर्चों व 13,34,767 की राशि के पूंजीगत व्यय के प्रमाण में सरकार प्रस्तुत नहीं कर सकी। 2020-21 में 22,76,615 रुपये खर्च के व्यय प्रमाण सरकार पेश नहीं कर सकी।

राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व के तौर पर 11268.14 करोड़, गैर कर 2797.99, केंद्रीय करों में हिस्सेदारी की एवज 18770.42 तथा केंद्रीय अनुदान के तौर पर खजाने में 4274.4 करोड़ आने का अनुमान है। केंद्र से जीएसटी मुआवजा मिलना जून से बंद है। चालू वित्त वर्ष में सरकार को मुआवजे के तौर पर 558.37 करोड़ की कम राशि मिलेगी। छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद पेंशनरों को एरियर के भुगतान पर सरकार को 1009.80 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान करना होना। नियंत्रक महालेखा परीक्षक ने रिपोर्ट में कहा कि दोनों मदों की वजह से प्रदेश का राजस्व घाटा 1456.32 करोड़ होगा। राजकोषीय घाटा 1642.49 करोड़ तक पहुंच जाएगा। एफआरबीएम प्रावधानों के तहत राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए, मगर यह 5.84 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।

2021-22 में करों से हुई 17,063 करोड़ की आय
प्रदेश में 2020-21 के बजाय 2021-22 में करों से आय बढ़ गई। 2021-22 में करों से आय 9,714.58 करोड़ हुई, जो 2020-21 में 8,083.31 हो गई। कुल करों से आमदनी 2021-22 में  17,063.62 हुई,2020-21 में 12,837.23 हो गई। 2021-22 में कुल राजस्व प्राप्तियां 37,309.30 थीं, जो 2020-21 में 33,438.27 हो गईं।