Nov 22, 2024
Latest News

प्रकाश सिंह बादल के निधन पर दो दिन का राष्ट्रीय शोक, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने जताया दुख

प्रकाश सिंह बादल के निधन पर दो दिन का राष्ट्रीय शोक, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने जताया दुख

देशआदेश

 

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात निधन हो गया। उन्होंने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज राजनेताओं ने बादल के निधन पर दुख जताया। केंद्र सरकार ने बादल के निधन पर दो दिन (26 और 27 अप्रैल) के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सरकारी मनोरंजन का कार्यक्रम नहीं होगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर ट्वीट करके शोक जताया। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल आजादी के बाद से सबसे बड़े राजनीतिक दिग्गजों में से एक थे। हालांकि, सार्वजनिक सेवा में उनका अनुकरणीय करियर काफी हद तक पंजाब तक ही सीमित था, लेकिन देश भर में उनका सम्मान किया जाता था। उनका निधन एक शून्य छोड़ गया है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।

 

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बताया राष्ट्र के लिए भारी क्षति
प्रकाश सिंह बादल का निधन पंजाब और राष्ट्र के लिए भारी क्षति है। उन्हें सदैव असाधारण नेतृत्व, दूरदृष्टि और जनता के कल्याण के प्रति समर्पण के लिए याद रखा जाएगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिजनों और मित्रों के साथ हैं। ओम शांति।

वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ। वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे। वे एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया।
प्रकाश सिंह बादल का राजनीतिक करियर 

  • पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। वे 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव हार गए थे।
  • उन्होंने 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीते। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे।
  • 1957 में उन्होंने सबसे पहला विधानसभा चुनाव लड़ा।
  • 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे।
  • वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। 
  • वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। 
  • मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते हुए जनता ने उन्हें लोकसभा सांसद के रूप में भी चुना।
  • 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने।