Nov 21, 2024
HIMACHAL

बेनतीजा रही बैठक, मंत्री जगत और हर्षवर्धन के सामने उलझे हाटी समुदाय के दो गुट

 बेनतीजा रही बैठक, मंत्री जगत और हर्षवर्धन के सामने उलझे हाटी समुदाय के दो गुट‎

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के ट्रांसगिरि क्षेत्र को दिए गए अनुसूचित जनजातीय दर्जे के मामले को लेकर शनिवार को राज्य सचिवालय में बुलाई गई बैठक में खूब हंगामा हुआ।

बेनतीजा रही बैठक में जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के सामने हाटी समाज के दो गुट उलझ गए।

एक गुट ने मुख्य सचिव कमेटी रूम से मुख्यमंत्री कार्यालय होते हुए नारेबाजी कर बैठक का बहिष्कार कर दिया। नारेबाजी करने वाले गुट ने हाटी समाज को एसटी का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से पारित कानून को प्रदेश सरकार पर लटकाने का आरोप लगाया।

 

इस पर दोनों मंत्रियों ने बताया कि इस मामले में केंद्र सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार है। उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने बैठक का माहौल बिगाड़ा। शनिवार दोपहर बाद सचिवालय के मुख्य सचिव कमेटी रूम में काफी संख्या में हाटी समुदाय के लोग पहुंचे।

मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान विशेष तौर पर मौजूद रहे। बैठक में प्रधान सचिव ओंकार शर्मा सहित कई अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

हाटी विकास मंच और केंद्रीय हाटी समिति ने प्रदेश सरकार से एसटी के दर्जे को जल्द प्रदेश में लागू करने के लिए कहा।

मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि हाटी समाज के सभी प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया गया था। सार्थक चर्चा हो रही थी। हम इस नतीजे पर पहुंचे थे कि जब तक केंद्र सरकार से इस मामले में स्पष्टीकरण नहीं आता, तब तक एसटी का प्रोविजनल प्रमाणपत्र विद्यार्थियों को दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से जारी अधिसूचना में लिखा है कि ट्रांसगिरि क्षेत्र के लोगों को एसटी का दर्जा दिया जाएगा।

 

प्रदेश के विधि विभाग ने जब इसकी पड़ताल की तो मालूम पड़ा कि पूर्व सरकार का प्रस्ताव कुछ और था। इसके चलते केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस बाबत एक बार रिमाइंडर भी भेजा गया है। केंद्र से कोई जवाब नहीं आया है।

उन्होंने कहा कि बैठक के लिए सांसद सुरेश कश्यप को भी बुलाया था। सांसद की अध्यक्षता में विधि मंत्री से मामला उठाने की बात हमने कही। इसी दौरान एससी वर्ग के कुछ लोगों ने जब अपनी बात रखी तो हाटी समाज के लोग भड़क उठे और इनमें कहासुनी हो गई।

उधर, हंगामे को शांत करने के लिए दोनों कैबिनेट मंत्री और अफसर बेबस नजर आए।

 

इस मामले पर नहीं होनी चाहिए राजनीति
भाजपा और हाटी समुदाय को इस मामले को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए। अधिसूचना में 1.60 लाख लोग हाटी समुदाय के दर्शाए हैं। एससी को जब प्रस्ताव में बाहर रखा गया था, तो अधिसूचना में क्यों शामिल किया गया। केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए। – हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री

बैठक बेनतीजा रही, अब होगा ट्रांसगिरि में आंदोलन
बैठक पूरी तरह बेनतीजा रही। प्रदेश सरकार की मंशा केंद्रीय कानून को लटकाने और भटकाने की है। अब आंदोलन होगा। सरकार को सात दिन का समय दिया गया है। इसके बाद लोग सड़कों पर उतरेंगे। ट्रांसगिरि में आंदोलन किया जाएगा। – डॉ. रमेश सिंगटा, मुख्य प्रवक्ता, हाटी विकास मंच

 

प्रदेश सरकार दर्जा देने के लिए गंभीर नहीं
प्रदेश सरकार अनुसूचित जनजातीय कानून को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है। अब आंदोलन ही विकल्प है। बैठक में उन लोगों को भी बुलाया गया था, जो हितधारक हैं ही नहीं। इनकी वजह से बैठक में हंगामा हुआ। – डॉ अमी चंद कमल, अध्यक्ष, केंद्रीय हाटी समिति

 

हाटी समुदाय को एसटी दर्जा शीघ्र प्रदान करने को प्रतिबद्ध : नेगी

 जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने शनिवार को सांविधानिक (अनुसूचित जनजाति) आदेश (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2023 के कार्यान्वयन और सिरमौर जिले के ट्रांसगिरि क्षेत्र के हाटी को अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित करने के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हाटी समुदाय को एसटी दर्जा शीघ्र प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार ही ओर से ट्रांसगिरि क्षेत्र के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई, लेकिन इस अधिसूचना में अस्पष्टता के चलते प्रदेश सरकार ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है। केंद्र की ओर से संपूर्ण हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है।
अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य वर्ग भी शामिल हैं। जगत सिंह नेगी ने कहा कि कुछ वर्ग ऐसे हैं जो पूर्व में चली आ रही व्यवस्था का हिस्सा बना रहना चाहते हैं। केंद्र की ओर से सभी को अनुसूचित जनजाति के दायरे में लाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है ताकि हाटी समुदाय की समस्याओं और मांगों को लेकर शीघ्र समाधान निकला जा सके।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जनजातीय विकास विभाग से कानूनी प्रावधानों के तहत हाटी समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति का प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रदान करने के विकल्प तलाशने को कहा, ताकि उन्हें अनुसूचित जनजाति के तहत मिल रही सुविधाएं सुलभ हाें।

बैठक में रेणुका जी से विधायक विनय कुमार, सचिव विधि शरद कुमार लगवाल, केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष अमीचंद कमल, गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति के अध्यक्ष अनिल मंगेट, अन्य पिछड़ा वर्ग संगठन के अध्यक्ष धर्मपाल मौजूद रहे।