इन दवा कंपनियों के लाइसेंस हो सकते है रद्द, मंत्रालय सख्त
बार-बार सैंपल फेल होने पर दवा कंपनियों के लाइसेंस किए जाएंगे रद्द
स्वास्थ्य विभाग में भरे जाएंगे, डाॅक्टरों, नर्सों के 2,000 पद
डाॅक्टरों का एनपीए बंद नहीं, रोका गया
हिमाचल प्रदेश सरकार ने दवाओं के सैंपल फेल होने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
बार-बार सैंपल फेल होने वाली कंपनियों को लाइसेंस रद्द किए जाएंगे। वहीं, इन्हें दवाओं का उत्पाद न किए जाने को लेकर नोटिस जारी किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि बार-बार दवाओं के सैंपल फेल होने से हिमाचल की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हिमाचल में बनीं 40 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। ये सैंपल 25 दवा फार्मा के हैं। सरकार की ओर से सैंपल फेल होने वाले उद्योगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में इन दवाओं की सप्लाई नहीं हुआ है। खाद्य आपूर्ति निगम ने इन दवाओं को नहीं खरीदा है।
दवाओं की खरीद के लिए अब स्पेशल बोर्ड ऑफ ऑफिसर की स्वीकृति अनिवार्य है। ये ऑफिसर मानक देखकर ही दवाओं की खरीद करेंगे। बाजार से स्टाॅक वापस मंगाने को कहा गया है। यह पहला मौका है, जब इतने ज्यादा सैंपल एक साथ फेल हुए है।
दरअसल देशभर में बनीं 78 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, जिनमें अकेले हिमाचल में बनीं 40 दवाएं हैं।
अस्थमा, उहिमाचल में फेल होने वाली दवाओं में उच्च रक्तचाप, मिर्गी, संक्रमण, एपिलेप्सी, विटामिन, दर्द व सूजन, बवासीर, बुखार, खांसी, कब्ज, अवसाद, शुगर, फंगस, पेट के कीड़े, टीबी और इंसुलिन की दवाएं शामिल हैं।
केंद्रीय दवा नियंत्रण संगठन के दिसंबर के ड्रग अलर्ट में यह सैंपल फेल हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग में भरे जाएंगे, डाॅक्टरों, नर्सों के 2,000 पद
स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में दो हजार पदों को भरा जाएगा। इसमें 200 डाॅक्टर, 1,450 पद नर्सों और अन्य पद शामिल है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों की डीपीसी किए जाने की प्रक्रिया जारी है। डॉक्टरों को पदोन्नति दी जानी है।
डाॅक्टरों का एनपीए बंद नहीं, रोका गया
डाॅक्टरों के अस्पताल में काले बिल्ले लगाए जाने के मामले में मंत्री ने कहा कि इनका एनपीए बंद नहीं बल्कि रोका गया है।
डॉक्टर एसोसिएशन को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिलाया गया। उन्हें स्पष्ट किया गया है कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के चलते एनपीए रोका गया है। इसे बहाल करने का मामला कैबिनेट में लाया जा रहा है।