राज्यसभा चुनाव नतीजे के बाद बजट पारित करते वक्त संकट में पड़ सकती है सुक्खू सरकार
राज्यसभा चुनाव नतीजे के बाद बजट पारित करते वक्त संकट में पड़ सकती है सुक्खू सरकार
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में चली गई है। अगर बजट बहुमत से पारित नहीं होता है तो सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राज्य में बजट सत्र चल रहा है।
विधानसभा में वीरवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पारित किया जाना है। बजट पारित करते समय विपक्ष सदन में डिविजन मांग सकता है। ऐसे में मतदान होता है तो उसमें भी सरकार के पक्ष में वोट नहीं पड़े तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वित्त विधेयक के गिर जाने पर सरकार संकट में पड़ सकती है।
हालांकि, ऐसी संभावना से मुख्यमंत्री ने इन्कार किया है। सदन के नेता को विधानसभा में बजट पारित करने के लिए बहुमत साबित करना होगा। कांग्रेस और भाजपा ने राज्यसभा के लिए 34-34 विधायकों का समर्थन जुटाकर टाई किया है।
अगर यही समर्थन बना रहा तो इससे बजट पारित करने में मुश्किल आएगी। विधानसभा अध्यक्ष का भी राज्यसभा के लिए वोट पड़ा है, मगर यह मत बजट पारित करते समय उसी स्थिति में डाला जा सकता है, जब दोनों ओर से टाई हो। कांग्रेस पार्टी के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है। यह विधायक पुलिस की सुरक्षा में पंचकूला में हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 14 जनवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 58 हजार 444 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। इसमें प्रदेश की अर्थव्यवस्था की अनुमानित वृद्धि दर 7.1 फीसदी दर्शाई गई, जबकि प्रति व्यक्ति 2 लाख 34 हजार, 199 रुपये अनुमानित हैं। वहीं, राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 2 लाख 7 हजार 430 करोड़ रुपये अनुमानित है।
वित्त विधेयक पारण चुनौती
सरकार गुरुवार को सदन में वित्त विधेयक पारित करने के लिए 35 विधायक चाहिए। अभी 34 हैं। ऐसे में वित्त विधेयक पारण चुनौती है।
वित्त विधेयक पारित हो जाता है तो उस स्थिति में अन्य विधायकों का समर्थन जुटाने के लिए भाजपा नई रणनीति पर काम कर सकती है। भाजपा को सरकार गिराने के लिए 14 कांग्रेस विधायकों का समर्थन चाहिए। अभी नौ विधायकों का समर्थन ही मिला है।