सीसीटीवी फुटेज में खुलासा, रात को हॉस्टल में ऐसे घुसा था युवक
सीसीटीवी फुटेज में खुलासा, रात को ऐसे गर्ल्स हॉस्टल में घुसा था युवक, ये थी वजह
मेडिकल कॉलेज छात्रा छात्रावास की चौथी मंजिल से संदिग्ध परिस्थितियों में हुई युवक की मौत के मामले में घटना के रात युवक रात करीब 12:10 मिनट लक्कड़ बाजार-ताराहाल सड़क पर चलते हुए दिखाई दिया है।
निजी भवन के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से यह बात सामने आई है।
पुलिस के मुताबिक ताराहॉल की तरफ हॉस्टल परिसर के बाहर चाहरदीवारी नहीं है।
इसी जगह से युवक परिसर के भीतर घुसा और भवन के पिछली तरफ टावर के लिए बनी सीढ़ियों से चौथी मंजिल तक पहुंच गया। इसी दौरान किसी कारणवश युवक की गिरने से मौत हो गई।
सड़क पर युवक के दिखने और गिरने के समय में महज 10 से 15 मिनट का समय रहा है। युवक पालमपुर का रहने वाला था और सोलन जिले के निजी विश्वविद्यालय में उसने दाखिला लिया था।
पुलिस जांच के मुताबिक शनिवार रात को वह पहले अपने दो दोस्तों से मिला। स्कैंडल प्वाइंट पर रात 12:00 बजे के करीब वह लक्कड़ बाजार के लिए चल पड़ा जबकि उसके दोस्त होटल चला गए।
इस दौरान उसे दोस्तों ने रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना। युवक के दोस्तों ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह हॉस्टल में रहने वाली किसी छात्रा से मिलने जा रहा था।
रात को परिसर में पहुंचने के बाद जब हॉस्टल के कमरों में रहने वाली छात्राओं और सुरक्षा कर्मियों ने गिरने की आवाज सुनी तो सभी मौके पर पहुंचे।
इस दौरान युवक लहूलुहान अवस्था में पड़ा था। 108 एंबुलेंस के माध्यम से उसे आईजीएमसी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वहीं, पूरे मामले में हॉस्टल में रहने वाली 200 से अधिक छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इसको देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।
प्रबंधन के मुताबिक परिसर में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने के साथ ही चाहरदीवारी की ऊंचाई को भी बढ़ाया जाएगा।
आयकरदाताओं की बिजली सब्सिडी बंद करने के लिए सरकार ने मांगा फार्मूला
हिमाचल प्रदेश में आयकरदाताओं की बिजली सब्सिडी बंद करने के लिए सरकार ने बोर्ड प्रबंधन से फार्मूले मांगे हैं। सितंबर से योजना लागू करने के लिए बिजली बोर्ड प्रबंधन को विस्तृत प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार ने 125 यूनिट निशुल्क बिजली और सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है। इसके लिए राशन कार्ड और आधार नंबर से उपभोक्ताओं के मीटर नंबर जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। इस बाबत सोमवार देर शाम तक सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने बोर्ड प्रबंधन को जल्द इस योजना को लागू करने के लिए फार्मूला तैयार करने को कहा है।
प्रदेश सरकार ने राज्य के धनाड्य उपभोक्ताओं को बिजली दरों में दी जा रही सब्सिडी को बंद कर दिया है। अन्य उपभोक्ताओं को भी अब एक परिवार-एक मीटर के आधार पर ही सस्ती बिजली देने का फैसला हुआ है। घरेलू उपभोक्ता जो आयकरदाता हैं, उन्हें भी प्रतिमाह दी जाने वाली 125 यूनिट निशुल्क बिजली योजना के दायरे से बाहर कर दिया है। एक उपभोक्ता को सिर्फ एक बिजली मीटर पर ही सब्सिडी मिलेगी। अगर किसी उपभोक्ता के नाम पर अधिक बिजली कनेक्शन होंगे तो एक को छोड़कर अन्य पर महंगी बिजली दरों के हिसाब से ही शुल्क चुकाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों, सांसदों, पूर्व सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों, बोर्ड अध्यक्षों, सलाहकारों, ओएसडी, आईएएस, आईपीएस व एचएएस अधिकारियों के अलावा वन एवं न्यायिक अधिकारियों सहित राज्य सरकार, निगमों, बोर्डों के सभी प्रथम और द्वितीय श्रेणियों के कर्मचारियों, सभी श्रेणी-ए एवं श्रेणी-बी के ठेकेदारों सहित समस्त आयकरदाताओं के लिए बिजली की संपूर्ण सब्सिडी समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं की सब्सिडी और निशुल्क बिजली बंद होने से सरकार को सालाना 800 करोड़ रुपये की बचत होगी। उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष बोर्ड प्रबंधन को 1200 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है, इसके अलावा प्रतिमाह 125 यूनिट तक घरेलू उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली देने के एवज में बोर्ड को 100 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे थे। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 22 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ता हैं।