Sep 16, 2024
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‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान, आज से शुरू: देशआदेश

Amrit Vatika: आज से शुरू होगा ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान, देशभर की पंचायतों की मिट्टी से बनेगी अमृत वाटिका

न्यूज़ देशआदेश

 

विस्तार

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आज से ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान शुरू होगा। 30 अगस्त तक सभी पंचायतों और ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनका समापन दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होगा।

देशभर की पंचायतों की मिट्टी से दिल्ली के कर्तव्य पथ पर ‘अमृत वाटिका’ बनेगी। यह स्वतंत्रता, एकता और अखड़ता में योगदान देने वाले नायकों को समर्पित ‘आजादी का अमृत महोत्सव स्मारक’ होगा।

इसके अलावा गांवों में तालाबों के संरक्षण के मकसद से उनके किनारे देश व कर्तव्य के लिए जान देने वाले शहीदों के नाम पर स्मारक भी बनाए जाएंगे।

 

संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि  ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ 12 मार्च, 2021 को शुरू हुआ और पूरे भारत में आयोजित दो लाख से अधिक कार्यक्रमों के साथ इसमें व्यापक सार्वजनिक भागीदारी देखी गई।

‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के हिस्से के रूप में देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए नौ से 30 अगस्त तक गांव, ब्लॉक, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

समापन समारोह 30 अगस्त को विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में दिल्ली में कर्तव्य पथ पर आयोजित किया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि वीरांगनाओं की स्मृति में ग्राम पंचायतों में ‘शिलाफलकम’ (स्मारक पट्टिका) स्थापित की जाएंगी।

उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक संदेश और क्षेत्र के उन लोगों के नाम होंगे, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन लगा दिया।

 

पीएम मोदी ने हाल ही में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इस अभियान की घोषणा की थी। संस्कृति मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस दौरान अमृत कलश यात्रा भी निकाली जाएगी।

इसके तहत देश के कोने-कोने से लाई गई मिट्टी से दिल्ली में ‘अमृत वाटिका’ बनाई जाएगी। यह अमृत वाटिका ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की प्रतीक होगी।

पंच-प्रण समेत धरती बचाने के लिए 75 स्वदेशी पौधे लगेंगे
इस दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रम में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों के अपने कर्तव्य पालन के पंच प्रण का आह्वान किया जाएगा। इसके अलावा अपने गांव, पंचायत और क्षेत्र और धरती को बचाने के लिए 75 स्वदेशी पौधे लगाये जाएंगे।
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