Dec 26, 2024
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कम संख्या वाले स्कूल-कॉलेज मर्ज होंगे, रखे जाएंगे गेस्ट टीचर

Himachal: विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूल-कॉलेज मर्ज होंगे, रखे जाएंगे गेस्ट टीचर; मिलेगा इतना मानदेय

हिमाचल प्रदेश में विद्यार्थियों के कम दाखिलों वाले स्कूल और कॉलेज मर्ज होने तथा शिक्षकों के युक्तिकरण के बाद ही गेस्ट टीचरों की नियुक्तियां होंगी।

 

 

 

50 विद्यार्थियों की संख्या वाले कॉलेजों सहित दसवीं और बारहवीं कक्षा वाले जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम है, उन्हें आने वाले दिनों में मर्ज किया जाएगा। जिन स्कूल-कॉलेजों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक नियुक्त हैं, उन्हें युक्तिकरण में अन्य शिक्षण संस्थानों में लगाया जाएगा।

राज्य चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से विभिन्न श्रेणियों के 2800 शिक्षकों के पदों को भी नए शैक्षणिक सत्र से पहले भरने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन नियुक्तियों के बाद भी जिन स्कूल और कॉलेजों में 50 फीसदी शिक्षकों के पद रिक्त होंगे, वहां गेस्ट शिक्षक रखे जाएंगे।

स्कूलों में नियुक्त किए जाने वाले गेस्ट शिक्षकों को प्रति पीरियड 200 से 550 रुपये तक मानदेय मिलेगा। कॉलेजों में गेस्ट शिक्षकों को इससे अधिक मानदेय दिया जाएगा।

गेस्ट टीचर्स को कितना मिलेगा मानदेय?
कॉलेजों में नेट, सेट और स्कूलों में टेट पास करने वालों को ही गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति दी जाएगी। स्कूल-कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से आउटसोर्स आधार पर इन शिक्षकों की शॉर्ट टर्म आधार पर भर्तियां की जाएंगी। नियमित शिक्षक के आने तक ही इनकी सेवाएं ली जाएंगी। प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने गेस्ट-फैकल्टी की नियुक्ति के लिए नीति को मंजूरी दी है। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट टीचर को 200 रपये प्रति पीरियड, अपर प्राइमरी में 250 रुपये, हायर स्कूलों में 400 रुपये और सेकेंडरी स्कूलों में 550 रुपये प्रति पीरियड के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। 

क्या बोले शिक्षा मंत्री?
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि गेस्ट शिक्षकों को बहुत अधिक आवश्यकता पड़ने पर ही भर्ती किया जाएगा। यह एक स्टॉप गैप अरेंजमेंट होगा। नियमित शिक्षकों के आने पर इनकी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी।

सरकारी स्कूलों में घटी बच्चों की संख्या,

 

सार

शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के सरकारी दावों के बीच सरकारी स्कूलों में हर साल दाखिलों में गिरावट जारी है। प्री प्राइमरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के दाखिलों की यू डाइस प्लस रिपोर्ट में सामने आए आंकड़ों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

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