पूरा गांव बहा, 34 लापता, वायुसेना से मांगी मदद
तबाही के बीच तीन और शव मिले; पूरा गांव बहा, 34 लापता, वायुसेना से मांगी मदद; जानें

हिमाचल में कुदरत का कहर टूटा है। बादल फटने की घटनाओं से हुई तबाही की तस्वीरें धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। मंडी के धर्मपुर में स्याठी गांव जल सैलाब में बह गया। 61 ग्रामीण बमुश्किल बचाए गए। बादल फटने के बाद से लापता लोगों में से तीन और के शव मिले हैं। अभी 34 और लोगों की तलाश है। ज्यादातर सराज क्षेत्र के हैं। आपदा प्रभावित कई गांवों तक प्रशासन पहुंच नहीं सका है। करसोग, थुनाग और गोहर में लापता हुए लोगों का अभी कोई सुराग नहीं मिला है। बादल फटने व भूस्खलन से थुनाग और जंजैहली उपमंडल में सड़कें ध्वस्त हो गई हैं।

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नदी में कूदे अं बोया गांव के व्यक्ति का दूसरे दिन भी नहीं लग सका कोई भी सुराग
मंगलवार को एक व्यक्ति ने अचानक यमुना नदी में छलांग लगा दी थी। दो दिन से उत्तराखंड एसडीआरएफ की टीम और पुलिस का सर्च अभियान जारी है। करीब पांच किलोमीटर नदी क्षेत्र छान मारा है, लेकिन व्यक्ति का कोई पता नहीं चल सका है।
बता दें कि मंगलवार को एक व्यक्ति ने हिमाचल-उत्तराखंड राज्य सीमा पर यमुना पुल से अचानक उफनती नदी में छलांग मार दी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी सूचना हिमाचल पुलिस के पांवटा साहिब थाने में कर दी।
बता दें कि मंगलवार को एक व्यक्ति ने हिमाचल-उत्तराखंड राज्य सीमा पर यमुना पुल से अचानक उफनती नदी में छलांग मार दी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी सूचना हिमाचल पुलिस के पांवटा साहिब थाने में कर दी।
पांवटा पुलिस मौके पर पहुंची। उत्तराखंड राज्य पुलिस के तहत ये क्षेत्र पड़ता है। स्थानीय डीएसपी मानवेंद्र ठाकुर ने उत्तराखंड पुलिस व एसडीआरएफ टीम को सूचित कर दिया।
इसके बाद मंगलवार को देर शाम तक सर्च अभियान चला, पर कोई पता नहीं चल सका। बुधवार को दूसरे दिन भी सुबह से देर शाम तक सर्च अभियान चला, लेकिन नदी में छलांग लगाने वाले व्यक्ति का कोई भी पता नहीं चल सका है।
थाना प्रभारी विकासनगर उत्तराखंड विनोद गुसाई ने बताया कि यमुना नदी क्षेत्र में सर्च अभियान जारी है। दूसरे दिन भी करीब पांच किलोमीटर नदी क्षेत्र में एसडीआरएफ टीम ने तलाशने का प्रयास किया। अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है।