राज्य निर्वाचन आयोग के नोटिस पर सात उपायुक्तों ने दिया जवाब
राज्य निर्वाचन आयोग के नोटिस पर सात उपायुक्तों ने दिया जवाब, बताई ये वजह

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से प्रदेश के जिला उपायुक्तों को जारी नोटिस का सात जिलों के उपायुक्तों ने जवाब भेज दिया है। उपायुक्तों ने आयोग के निर्देशों का पालन न करने का कारण डिजास्टर एक्ट को बताया है। उधर, निर्वाचन आयोग ने भी सरकार को पत्र लिखकर डिजास्टर एक्ट की समीक्षा का आग्रह किया है। आयोग ने लिखा है कि मौजूदा समय में प्रदेश में जमीनी हकीकत की समीक्षा कर सरकार डिजास्टर एक्ट पर उचित निर्णय ले।
राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी पंचायत और नगर निकाय चुनावों को लेकर प्रदेश के जिला उपायुक्तों की तत्परता पर नाराजगी जताई थी। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से उपायुक्तों को आरक्षण रोस्टर घोषित करने के निर्देश जारी किए गए थे लेकिन किसी भी उपायुक्त ने रोस्टर जारी नहीं किया। आयोग ने चुनाव सामग्री उठाने के निर्देश दिए लेकिन चुनाव सामग्री भी नहीं उठाई गई।
निर्धारित समय में उपायुक्तों की ओर से वोटर लिस्टों का प्रकाशन न करने को भी आयोग ने नियमों का उल्लंघन माना था और उपायुक्तों से इस देरी का कारण पूछा था। जिस पर उपायुक्तों ने सरकार की ओर से प्रदेश में लगाए गए डिजास्टर एक्ट को कारण बताया है। उधर राज्य चुनाव आयोग बीते 17 नवंबर को आदर्श आचार संहिता के एक क्लॉज को लागू कर चुका है। इसके तहत पंचायतों और नगर निकायों की सीमाएं फ्रीज कर दी है जिसके बाद सरकार पंचायतों का पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन नहीं कर सकती। चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर प्रदेश सरकार कानूनी सलाह ले रही है।
प्रदेश में पंचायतों के पुनर्गठन के लिए पंचायतीराज विभाग को अब 24 प्रस्ताव मिल चुके हैं। शिमला, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिला से अधिकतर प्रस्ताव आए हैं। इन प्रस्तावों पर अब सरकार अंतिम फैसला लेगी हालांकि निर्वाचन आयोग ने पंचायतों के पुनर्गठन पर रोक लगा दी है। ऐसे में आने वाले दिनों में यह विवाद और अधिक गहराता दिख रहा है। निर्वाचन आयोग इस मामले को प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल के समक्ष उठा सकता है।
राज्य चुनाव आयुक्त ने पंचायतीराज और स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव, वित्त, राजस्व, सचिव शहरी विकास, सचिव पंचायती राज, सचिव गृह की बैठक बुलाई थी। बैठक में कोई भी अधिकारी शामिल नहीं हुआ। अधिकारियों के बैठक में न आने से चुनाव को लेकर सरकार की तैयारियों पर विचार-विर्मश नहीं हो सका।
राज्य चुनाव आयोग ने प्रदेश के मतदाताओं से अपील की है कि आयोग की वेबसाइट और सारथी एप पर मतदाता सूचियां उपलब्ध करवा दी गई हैं। मतदाता इन सूचियों में अपना नाम देख सकते हैं। यदि नाम नहीं है तो महज दो रुपये के फार्म के साथ नाम दर्ज करने के लिए आवेदन दे सकते हैं। यदि नाम में कोई त्रुटि है तो उसे भी सुधारा जा सकता है।

