हिमाचल: अप्रैल से 12 फीसदी तक महंगी हो सकती है बिजली, बोर्ड ने दिया 270 करोड़ घाटे का हवाला
हिमाचल: अप्रैल से 12 फीसदी तक महंगी हो सकती है बिजली, बोर्ड ने दिया 270 करोड़ घाटे का हवाला
देश आदेश ब्यूरो, शिमला
सार
कोरोना संकट के चलते प्रदेश में बीते दो वर्षों 2020-21 और 2021-22 के दौरान बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। वर्ष 2020 में सरकार ने अगस्त के दौरान बोर्ड को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि को कैबिनेट बैठक में फैसला लेकर घटा दिया था।
हिमाचल प्रदेश के करीब 25 लाख घरेलू और अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं को अप्रैल 2022 से महंगी बिजली का झटका लग सकता है। बिजली बोर्ड प्रबंधन ने प्रदेश में बिजली दरों को दस से बारह फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए बोर्ड ने विद्युत नियामक आयोग में याचिका भी दायर कर दी है। इसमें 270 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे का हवाला दिया गया है। बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डढवाल ने इसकी पुष्टि की है।
बोर्ड की याचिका पर आयोग ने भी मंथन शुरू कर दिया है। एक अप्रैल 2022 से नई दरें प्रदेश में लागू होंगी। वर्ष 2019 में पांच पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली महंगी हुई थी। कोरोना संकट के चलते प्रदेश में बीते दो वर्षों 2020-21 और 2021-22 के दौरान बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। वर्ष 2020 में सरकार ने अगस्त के दौरान बोर्ड को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि को कैबिनेट बैठक में फैसला लेकर घटा दिया था।
इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में करीब 50 से 350 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी हुई है। अगस्त 2020 में आयोग ने सब्सिडी कम होने के बाद नई दरें फिर तय की थीं। नए टैरिफ में बिजली दरों को तीन स्लैब में बांटा गया है। खपत के अनुसार हर स्लैब की यूनिट का अलग से निर्धारण किया गया है। जैसे-जैसे बिजली की खपत बढ़ती है तो हर स्लैब में तय यूनिट के हिसाब से बिल तय होते हैं। अब बोर्ड ने याचिका के माध्यम से अपनी आय और व्यय का ब्योरा देकर आयोग से बिजली दरों में बढ़ोतरी का आग्रह किया है।
अभी ये हैं बिजली की दरें
स्लैब यूनिट दाम रुपये में
लाइफ लाइन उपभोक्ता 0-60 1.00
पहला 0-125 1.55
दूसरा 126-300 3.95
तीसरा 300 से अधिक 5.00
प्रीपेड मीटर …….. 3.95 (प्रति यूनिट)
जन सुनवाई के बाद फैसला लेगा आयोग
प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली दरों को तय करने से पहले राज्य विद्युत नियामक आयोग फरवरी-मार्च 2022 में जन सुनवाई करेगा। जन सुनवाई से पहले उपभोक्ताओं से बिजली बोर्ड के प्रस्ताव पर सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी।
Originally posted 2021-12-04 22:39:43.